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नई दिल्ली: श्रीलंका के एक बड़े पावर प्रजोक्ट को सीधे गौतम अडानी ग्रुप को देने के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर पीएम मोदीद्वारा दबाव दिए जाने के दावे को श्रीलंकाई अधिकारी ने वापस ले लिया है। उस अधिकारी ने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही राष्ट्रपति राजपक्षे ने इसका जोरदार खंडन किया। वहीं, श्रीलंका के बिजली प्राधिकरण के प्रमुख द्वारा वापस लिए गए आरोप पर सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है। आरोपों में श्रीलंका के मन्नार जिले में 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजना शामिल है। श्रीलंका के सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को एक संसदीय पैनल को बताया था कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उन्हें बताया है कि पीएम मोदी ने उन पर पवन ऊर्जा परियोजना को अडानी समूह को देने के लिए दबाव डाला था।

ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में फर्डिनेंडो को सार्वजनिक उद्यम समिति (सीओपीई) की खुली सुनवाई में दावा करते हुए दिखाया गया है। समाचार पत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, फर्डिनेंडो ने पैनल को बताया कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने "मुझे बताया कि वह मोदी के दबाव में थे।"

नई दिल्ली: श्रीलंका के एक बड़े पावर प्रजोक्ट को सीधे गौतम अडानी ग्रुप को देने के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर पीएम मोदी द्वारा दवाब दिए जाने के दावे को श्रीलंकाई अधिकारी ने वापस ले लिया है। साथ ही राष्ट्रपति राजपक्षे ने इसका जोरदार खंडन किया। वहीं, श्रीलंका के बिजली प्राधिकरण के प्रमुख द्वारा वापस लिए गए आरोप पर सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

आरोपों में श्रीलंका के मन्नार जिले में 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजना शामिल है। श्रीलंका के सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को एक संसदीय पैनल को बताया था कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उन्हें बताया है कि पीएम मोदी ने उन पर पवन ऊर्जा परियोजना को सीधे अडानी समूह को देने के लिए दबाव डाला था।

ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में फर्डिनेंडो को सार्वजनिक उद्यम समिति (सीओपीई) की खुली सुनवाई में दावा करते हुए दिखाया गया है। समाचार पत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, फर्डिनेंडो ने पैनल को बताया कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने "मुझे बताया कि वह मोदी के दबाव में थे।"

कुवैत: भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ 10 जून को फहाहील इलाके में प्रदर्शन करने वाले भारतीयों समेत सभी अप्रवासी एशियाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उनके देश वापस भेजा जाएगा।

फहाहील इलाके में जमा होकर ये लोग जब प्रदर्शन कर रहे थे, तभी भारी पुलिस बल वहां पहुंच गया। इन सभी को ट्रकों में भरकर ले जाया गया। कानून के उल्लंघन के आरोप में इन सभी के वीजा रद्द कर दिए गए और निर्वासन केंद्र भेज दिया गया। अब इन सभी प्रवासियों को वापस भेजा जाएगा। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों को प्रदर्शन के लिए किसने उकसाया था।

दोबारा कुवैत में प्रवेश करने पर भी होगी रोक

निर्वासन केंद्र भेजे गए भारतीयों समेत सभी एशियाइयों के नाम अब कुवैत में प्रतिबंधित लोगों की सूची में शामिल हो जाएंगे। ये कभी दोबारा कुवैत में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

इस्लामाबाद: चीन ने पाकिस्तान में उसके नागरिकों पर हो रहे हमलों पर कड़ा एतराज जताया है। बीजिंग ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से बलूचिस्तान क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं पर काम कर रहे अपने नागरिकों पर हमले रोकने के लिए कहा है। मालूम हो कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को लगातार निशाना बनाए जाने के बीच इस्लामाबाद पुलिस ने केंद्रीय पुलिस कार्यालय (सीपीओ) में कर्मचारियों और रसद के साथ विदेशी सुरक्षा सेल स्थापित करने का फैसला किया है।

बैठक में बलूच समूहों की ओर से चीनी नागरिकों पर हमलों पर भी चर्चा की गई। पाकिस्तान में भू-राजनीतिक मुद्दे सामने आए हैं, क्योंकि बलूच विद्रोह शांति और स्थिरता के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। बलूच विद्रोही लगातार सीपीईसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे गैस पाइपलाइन और बिजली टावरों को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि वे चीन को साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में मानते हैं, जो पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूटना चाहता है।

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