स्टॉकहोम: फ्रांसीसी लेखक एनी एरनॉक्स को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार निजी यादों की परतों, जड़ों को स्पष्टता और साहस के साथ लिखने के लिए दिया गया। अपने लेखों में एनी एरनॉक्स ने लगातार कई बिंदुओं से अपने जीवन को जांचा-परखा है। इसमें लैंगिक असमानता, भाषा और वर्गवाद को लेकर भी निडरता से बात रखी है। लेखन में उनका रास्ता लंबा और कठिनाई भरा रहा। एनी का जन्म 1940 में हुआ था और वो नॉरमेन्डी के एक छोटे कस्बे येवेटोट में बड़ी हुईं। उनके माता-पिता एक ग्रोसरी स्टोर और एक कैफे चलाते थे। बचपन में उनके पास अधिक संसाधन नहीं थे। उनके शुरूआती प्रोजेक्ट्स में अपने ग्रामीण परिवेश से उनका संर्घष लगातार दिखता है। उन्होंने कल्पना से परे लेखन की सीमाओं को चुनौती दी।
एनी एरनॉक्स की पहली किताब लेस अरमोरिस वीदेस थी। साल 1974 में आई इस किताब का 1990 में 'क्लीन्ड आउट" के नाम से अनुवाद हुआ। इन कामों में उन्होंने अपनी नॉरमल पृष्ठभूमि को खंगाला, लेकिन 1983 उनकी चौथी किताब ला प्लेस का 1992 में ए मैन्स प्लेस के तौर पर अनुवाद हुआ।
यहीं से साहित्य जगत में उन्होंने बड़ी सफलता पाई। करीब 100 पृष्ठों में उन्होंने अपने पिता की छवि उकेरी है जिससे उन्हें लिखने पर मजबूर किया।
आपको बता दें कि नोबेल प्राइज वीक 2022 की शुरुआत हो गई है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित हो रहे वीक में सबसे पहले फिजियोलॉजी/मेडिसिन कैटिगरी में पुरस्कार का एलान किया गया था। इस बार का मेडिसिन का नोबेल स्वीडन के स्वांते पाबो को दिया गया है। ‘विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोजों के लिए' स्वांते पाबो को मेडिसिन के लिए नोबेल दिया गया है। द नोबेल कमिटी के सेक्रेटरी थॉमस पर्लमैन ने उनके नाम का एलान किया। 10 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आज यानी फिजिक्स, कैमिस्ट्री की कैटिगरी में विजेताओं की घोषणा की जा चुकी है।