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बीजिंग: चीन में शनिवार को थ्येनआनमेन चौक विद्रोह के 27 साल पूरे होने का दिन शांतिपूर्ण रहा। इस चौक पर बर्बर सैन्य कार्रवाई में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्रों का नरसंहार हुआ था। ऐतिहासिक थ्येनआनमेन चौक के आसपास यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई और पुलिस ने 109 एकड़ के इस क्षेत्र में प्रवेश करने वालों की गहन तलाशी ली ताकि कोई किसी तरह का पोस्टर और बैनर लेकर घुस नहीं पाए। ऐतिहासिक घटना की एक तस्वीर दुनियाभर में प्रसिद्ध हुई थी जिसमें वर्ष 1989 में युद्ध टैंकों की कतार के सामने एक युवक को खड़े हुए दिखाया गया था। इस स्थल पर शनिवार को लोगों का हुजूम उमड़ा। सरकार ने कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि बीते तीन दशकों में चीन द्वारा हासिल की गई बड़ी उपलब्धियां कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना (सीपीसी) द्वारा अपनाए गए रास्ते के सही होने का प्रमाण हैं।' हर साल चार जून को ऐसे दिन के रूप में याद किया जाता है जब हजारों युवक बीजिंग की सड़कों पर उतरे थे।

वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राजधानी की आगामी यात्रा ‘अमेरिका और भारत के बीच गहरे होते संबंधों’ को रेखांकित करेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ फ्लोरिडा के मियामी जा रही व्हाइट हाउस की प्रेस उप सचिव जेनिफर फ्राइडमैन ने एयर फोर्स वन में सवार संवाददाताओं से कहा, ‘यह यात्रा जनवरी 2015 में राष्ट्रपति ओबामा की नई दिल्ली की यात्रा के बाद से अहम क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के मजबूत होते संबंधों को रेखांकित करेगी।’ फ्राइडमैन ने कहा, ‘राष्ट्रपति (ओबामा) जिन मामलों पर बात करना चाहते हैं उनमें जलवायु परिवर्तन एवं स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के क्षेत्र में हुई प्रगति, सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग और आर्थिक विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं के मामले शामिल हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई मामले हैं जहां हमारे संबंध एवं साझीदारी मजबूत एवं महत्वपूर्ण हैं। हम जलवायु से लेकर सैन्य, आर्थिक संबंधों में मिलकर जो भी कदम उठा रहे हैं वे महत्वपूर्ण हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय की यात्रा पर छह जून को वाशिंगटन डीसी आएंगे।

वाशिंगटन: अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी औपचारिक रूप से ट्रंप विरोधियों में शामिल हो गयी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के भावी रिपब्लिकन उम्मीदवार की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका आप्रवासियों को बाहर रखने के लिए ‘दीवारें’ नहीं बनवाता है। न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए 52 वर्षीय मिशेल ने कहा, ‘यहां अमेरिका में..लोगों को बाहर रखने के लिए हम दीवारें नहीं बनवाते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि हमारी विशिष्टता हमेशा वैसे लोगों के योगदान पर निर्भर रही है, जिन्होंने कहीं और जन्म लिया लेकिन हमारे देश में आये और इसे अपना घर बनाया।’’ लोगों की तालियों के बीच उन्होंने कहा, ‘गूगल और ईबे से लेकर कृत्रिम हृदय, टेलीफोन और यहां तक कि ब्ल्यू जींस..की खोज, ‘गॉड ब्लेस अमेरिका’ जैसा देशभक्ति गीत की रचना, ब्रुकलीन ब्रिज और व्हाइट हाउस जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्थान की संरचना आप्रवासियों की देन है।’’ उन्होंने कहा कि प्रथम महिला होने के नाते उनके पास विश्व भर की यात्रा की सुविधा है।

लॉस एंजिलिस: डोनाल्ड ट्रंप पर हमला तेज करते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी स्वभाव के आधार पर राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हैं और विदेश नीति में उनके विचार खतरनाक रूप से बेतुके हैं। कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिलेरी ने कहा, 'हमारे देश और दुनिया के काफी लोगों की तरह ही मेरा भी मानना है कि रिपब्लिकन पार्टी ने जिसे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना है वह यह काम नहीं कर सकता। डोनाल्ड ट्रंप के विचार सिर्फ अलग नहीं हैं... बल्कि वे खतरनाक रूप से बेतुके हैं।' विदेश मंत्री रह चुकीं 68 वर्षीय हिलेरी ने कहा, 'वे वास्तव में विचार भी नहीं हैं... वह सिर्फ बेकार का शोर, व्यक्तिगत गुस्सा और सरासर झूठ है।' भाषण के दौरान हिलेरी ने रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार 69 वर्षीय ट्रंप पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ट्रंप द्वारा पहले दिए गए बयानों और उनके स्वभाव पर स्पष्ट बात की। डेमोक्रेट नेता के इस भाषण को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर महत्वपूर्ण बयान माना जा रहा है। हिलेरी ने कहा, 'वह स्वभाव के आधार ऐसे पद पर बने रहने के काबिल नहीं है, जिसके लिए ज्ञान, स्थिरता और जिम्मेदारी की भावना चाहिए।

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