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वाशिंगटन: अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी औपचारिक रूप से ट्रंप विरोधियों में शामिल हो गयी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के भावी रिपब्लिकन उम्मीदवार की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका आप्रवासियों को बाहर रखने के लिए ‘दीवारें’ नहीं बनवाता है। न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए 52 वर्षीय मिशेल ने कहा, ‘यहां अमेरिका में..लोगों को बाहर रखने के लिए हम दीवारें नहीं बनवाते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि हमारी विशिष्टता हमेशा वैसे लोगों के योगदान पर निर्भर रही है, जिन्होंने कहीं और जन्म लिया लेकिन हमारे देश में आये और इसे अपना घर बनाया।’’ लोगों की तालियों के बीच उन्होंने कहा, ‘गूगल और ईबे से लेकर कृत्रिम हृदय, टेलीफोन और यहां तक कि ब्ल्यू जींस..की खोज, ‘गॉड ब्लेस अमेरिका’ जैसा देशभक्ति गीत की रचना, ब्रुकलीन ब्रिज और व्हाइट हाउस जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्थान की संरचना आप्रवासियों की देन है।’’ उन्होंने कहा कि प्रथम महिला होने के नाते उनके पास विश्व भर की यात्रा की सुविधा है।

प्रथम महिला मिशेल ने कहा, ‘मैंने डर दिखाकर शासन करने वाले नेताओं को देखा है, जो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनके पास कुछ और नहीं होता। मैंने वैसे स्थानों को देखा है जहां लोगों की आवाज दबा दी जाती है और किस प्रकार वहां के लोगों के अंदर की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। किस प्रकार उनकी जिन्दादिली, आशा और स्वतंत्रता कम हो जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा अमेरिकियों में नहीं होता। यह देश वैसी चीजों के लिए नहीं जाना जाता। यहां अमेरिका में हम लोग दूसरे विचार रखने वालों को अलग नहीं छोड़ देते क्योंकि हम जानते हैं कि एक-दूसरे की सराहना करने, एक-दूसरे से सीख कर और एक-दूसरों को सिखा कर ही हम महान बनते हैं। क्योंकि इस देश में कोई भी अकेला नहीं है। हम सभी एकसाथ हैं। हम लोग हमेशा से एक रहे हैं।’

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