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वाशिंगटन: डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर दोहरे अंकों में राष्ट्रीय बढ़त हासिल कर ली है पिछले कुछ सप्ताह से ट्रंप के लिए यह लड़ाई मुश्किल होती दिख रही है. यह जानकारी एक हालिया सर्वेक्षण में सामने आयी है. पिछले सप्ताह एक हुए सम्मेलनों के समापन के बाद अपने पहले चुनावी सर्वेक्षण का परिणाम जारी करते हुये फॉक्स न्यूज ने कहा है, 'व्हाइट हाउस की दौड़ में ट्रंप-पेंसे पर क्लिंटन-केन की जोड़ी ने 10 अंकों के साथ 49-39 प्रतिशत की बढ़त हासिल कर ली है.' हिलेरी के साथ वर्जीनिया से सीनेटर टिम केन उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी हैं जबकि गर्वनर माइक पेंसे ट्रंप की पार्टी से उपराष्ट्रपति पद के दावेदार हैं. हिलेरी की दोहरे अंकों में बढ़त को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें खामी की गुंजाइश नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक महीने पहले हिलेरी छह अंक (44-38 प्रतिशत, 26-28 जून) से आगे थी. हालांकि सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रतिक्रिया देने वाले 61 प्रतिशत लोग हिलेरी को विश्वास योग्य नहीं मानते. इसमें बताया गया है कि महिलाओं के बीच में हिलेरी को 23 अंक (57-34 प्रतिशत) अश्वेतों के बीच 83 अंक (87-4 प्रतिशत), हिस्पेनिक के बीच 48 अंक (68-20) और 30 से कम उम्र के मतदाताओं के बीच 18 अंक (49-31 प्रतिशत) हासिल हुए है.

काठमांडू: माओवादी प्रमुख पुष्प दहल कमल 'प्रचंड' ने नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। एक दिन पहले ही देश के सांसदों ने प्रचंड को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुना था। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राष्ट्रपति भवन में सीपीएन-माओवादी सेंटर के 61 वर्षीय नेता को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण के साथ ही प्रचंड औपचारिक रूप से देश के 39वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रचंड ने छह सदस्यीय कैबिनेट का गठन किया है, जिसमें दो उपप्रधानमंत्री शामिल हैं। नए कैबिनेट में उपप्रधानमंत्री माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महरा के पास वित्त मंत्रालय, जबकि नेपाली कांग्रेस के नेता उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि के पास गृह मंत्रालय है। राष्ट्रपति भंडारी ने दोनों उपप्रधानमंत्रियों को भी शपथ दिलायी। तीन अन्य मंत्रियों को भी पद की शपथ दिलायी गई। नेपाली कांग्रेस के नेता रमेश लेखक को भौतिक योजना एवं परिवहन, जबकि माओवादी नेताओं दलजीत श्रीपली को युवा एवं खेल तथा गौरी शंकर चौधरी को कृषि मंत्रालय सौंपा गया है। बुधवार को निर्वाचित होने के बाद प्रचंड ने समुदायों के बीच खायी को पाटने का प्रयास करते हुए देश को आर्थिक विकास की दिशा में आगे ले जाने का वादा किया था।

इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद, भ्रष्टाचार और संगठित अपराधों के खिलाफ संघर्ष के लिए दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (दक्षेस) के देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने आदिवासी इलाकों में पाकिस्तान के आतंक विरोधी अभियानों और राष्ट्रीय कार्य योजना का जिक्र किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान सरकार अपनी जमीन से उभरने वाले आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि दक्षेस क्षेत्र के पास मानव और प्राकृतिक संसाधनों का विपुल भंडार है। ‘इसलिए दक्षेस हमारे लोगों की शांति और खुशहाली के लिए क्षेत्रीय क्षमता का दोहन करने के वास्ते एक मंच प्रदान कर सकता है और उसे करना चाहिए। शरीफ ने कहा कि यह दृष्टिकोण उनकी सरकार के विकास के लिए शांति और शांतिपूर्ण पड़ोस के उनकी सरकार के ख्याल पर आधारित है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने दक्षेस चार्टर में उल्लिखित उद्देश्यों और विचारों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का हमेशा समर्थन किया है।’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पाकिस्तान स्वदेशी साधनों के बंटवारे के जरिए उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों का भी हामी रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान इस विचार को साझा करता है कि क्षेत्र की प्रगति और खुशहाली के लिए संपर्क बेहद जरूरी है और वह क्षेत्र में सड़क, वायु, रेल और जल संपर्क का सिद्धांतत: समर्थन करता है। शरीफ ने कहा, ‘दक्षेस घोषणापत्र में उल्लिखित उद्देश्यों और लक्ष्यों को हासिल करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’

वाशिंगटन: पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है क्योंकि रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कांग्रेस को इस बात का प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया कि पाकिस्तान खूंखार आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई कर रहा है। कांग्रेशनल प्रमाणपत्र के अभाव में पेंटागन ने गठबंधन सहयोग कोष के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की मदद को रोक दिया है। यह राशि दरअसल अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियानों के सहयोग के लिए पाकिस्तानी सेना की ओर से किए गए खर्च की अदायगी के लिए होती है। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने कहा, इस बार पाकिस्तान की सरकार को कोष (30 करोड़ डॉलर) जारी नहीं किया जा सका क्योंकि रक्षा मंत्री ने अब तक इस बात को प्रमाणित नहीं किया है कि पाकिस्तान ने वित्तीय वर्ष 2015 राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) के अनुरूप पर्याप्त कदम उठाए हैं। पाकिस्तान के लिए गठबंधन सहयोग कोष (सीएसएफ) के तहत वित्तीय वर्ष 2015 में एक अरब डॉलर मंजूर किए गए थे। इसमें से वह 70 करोड़ डॉलर ले चुका है। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने कहा, रक्षा मंत्री के फैसले के चलते, पाकिस्तान के लिए वित्तीय वर्ष 2015 सीएसएफ के तहत और राशि उपलब्ध नहीं है। इस बारे में सबसे पहले खबर देने वाले द वाशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद रोके जाने को अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों के लिए एक झटका बताया है। रक्षा मंत्रालय को 30 जून तक कांग्रेस के समक्ष पुनर्निर्धारण का अनुरोध पेश करना था।

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