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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने भारत को सिंधु जल संधि के तहत उसकी प्रतिबद्धता याद दिलाई और चेताया कि अगर संधि का उल्लंघन होता है तो नयी दिल्ली की अपनी विश्वसनीयता दांव पर होगी। विदेश कार्यालय प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘अगर भारत चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे गंभीरता से ले तो उसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करना होगा।’ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 नवंबर के बयानों पर टिप्पणी कर रहे थे जिनमें उन्होंने कहा था कि सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के पानी पर भारत का अधिकार है जिसे पाकिस्तान में व्यर्थ होने से रोका जाएगा। डान ने खबर दी कि जकारिया ने कहा कि संधियों के कानून, 1969 पर वियना समझौते के तहत आईडब्ल्यूटी संधि एक बाध्यकारी समझौता है। उरी आतंकी हमले के बाद दोनो देशों के बीच तनाव बढ़ने के बीच भारत इस समझौते पर फिर से विचार करने के अपने इरादे की तरफ इशारा करता रहा है।
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रावलपिंडी: पाकिस्तान के नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज अपने सैनिकों को संबोधित करते हुए पहली बार कश्मीर मुद्दा उठाया और उनसे नियंत्रण रेखा पर भारत द्वारा किसी भी संघर्ष विराम उल्लंघन का ‘पूरी ताकत से’ जवाब देने को कहा। उन्होंने नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम स्थलों और 10 कार्प्स रावलपिंडी का दौरा करते हुए कहा, ‘किसी भी प्रकार के हर उल्लंघन का सबसे असरदार तरीके से पूरी ताकत से जवाब दिया जाना चाहिए।’ सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (ईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि ‘भारतीय सैनिकों द्वारा हालिया उल्लंघनों और बढ़ते तनाव तथा पाकिस्तान के अपने जवाब को लेकर बाजवा को नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया। डान ने खबर दी कि उन्होंने कहा कि भारत के ‘आक्रामक रूख’ का उद्देश्य विश्व का ध्यान कश्मीर में भारतीय सैनिकों द्वारा किये जा रहे ‘अत्याचार’ से हटाना है। बाजवा ने इस सप्ताह सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद कश्मीर मुद्दे पर अपने पहले सार्वजनिक बयान में कहा कि स्थायी क्षेत्रीय शांति हासिल करने कश्मीर मुद्दे का हल कश्मीरी जनता की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप सुलझाया जाएगा। उन्होंने नियंत्रण रेखा पर ‘बिना उकसावे के भारत की गोलीबारी’ को दिये गये ‘करारे जवाब’ की प्रशंसा की और सैनिकों से हर समय सर्वोच्च स्तर की निगरानी रखने को कहा।
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मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए अमेरिका के साथ दरार पाटने और आतंकवाद से निपटने की कोशिश में सहयोग की आशा जताई। भाषण में मास्को की इस आशा को जाहिर किया गया कि अमेरिका के नये राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन के साथ संबंधों को दुरूस्त करने में मदद कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच संबंध यूक्रेन, सीरिया युद्ध और अन्य विवादों को लेकर शीत युद्ध बाद के दौर में खराब हुए हैं। पुतिन ने जोर दिया कि दोनों महाशक्तियों के बीच दोस्ताना संबंध वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसी से टकराव नहीं चाहते हैं।’
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान ने गुरूवार को कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत भी पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को बचा नहीं सकती। इमरान ने ट्वीट किया कि एक अच्छी खबर है कि ट्रंप ने शरीफ से बात की, लेकिन यह बातचीत पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री के काम नहीं आएगी। वह कल ट्रंप और शरीफ के बीच फोन पर हुई बातचीत का हवाला दे रहे थे। इस बातचीत के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी। ट्रंप ने प्रधानमंत्री शरीफ से कहा कि उनकी ‘बहुत अच्छी साख’ है। कतर के शहजादे शेख हम्माद बिन जसीम बिन जाबिर अल-थानी की ओर से लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए इमरान ने कटाक्ष किया कि ‘अगर ट्रंप का पत्र भी आ जाये’ तो भी पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को बचाया नहीं जा सकता।
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