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वॉशिंगटन: चीन नीति को लेकर ओबामा प्रशासन के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से असहमत होने के संकेत मिल रहे हैं। ओबामा प्रशासन ने कहा है कि वह लंबे समय से जारी एक चीन नीति पर अपना समर्थन दोहराने के लिए चीनी अधिकारियों के संपर्क में है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने सवालों का जवाब देते हुये कहा कि इस तरह की नीति का प्रभाव क्षेत्र में स्थिरता पर पड़ सकता है। इसका प्रभाव सिर्फ अमेरिका, चीन पर नहीं बल्कि ताइवान पर भी पड़ेगा। जब उनसे ट्रंप और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछा गया तब अर्नेस्ट ने कहा, यह निश्चित करना मुश्किल है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का वास्तव में क्या उद्देश्य था। अर्नेस्ट ने कहा, ‘अगर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम का उद्देश्य अलग है तो मैं इसकी व्याख्या करने का काम उन पर छोड़ दूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति और उनके प्रचार प्रबंधक से इस बारे में पूछे जाने पर यह संकेत मिला है कि वह शिष्टाचारवश किया गया फोन था या नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शिष्टाचारवश किये गये फोन का सिर्फ जवाब दे रहे थे। लेकिन वाशिंगटन पोस्ट ने आज एक अलग ही खबर दी है जिसके अनुसार ट्रंप के कुछ सहायोगियों ने संकेत दिया है कि फोन पर बात करने की योजना लंबे समय की थी और यह व्यापक सामरिक प्रयास का हिस्सा है।’

वाशिंगटन: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस महीने के आखिर में पर्ल हार्बर जाएंगे। इस यात्रा के साथ वह हवाई स्थित अमेरिकी नौसेना ठिकाने पर जाने वाले प्रथम जापानी नेता बन जाएंगे। पर्ल हार्बर पर जापान ने 75 साल पहले हमला किया था जिसके बाद अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुआ था। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बताया, ‘राष्ट्रपति ओबामा जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से 27 दिसंबर को होनालुलू, हवाई में मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह मुलाकात सुरक्षा, आर्थिक और वैश्विक चुनौतियों पर हमारे करीबी सहयोग सहित अमेरिका..जापान सहयोग को मजबूत करने में पिछले चार साल में दोनों नेताओं को हमारी संयुक्त कोशिशों की समीक्षा करने का एक अवसर प्रदान करेगा। जापानी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आबे के साथ पर्ल हार्बर स्थित ओबामा ‘यूएसएस अरीजोना मेमोरियल’ जाएंगे।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और उनको नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात और चरमपंथ के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह मुलाकात शरीफ के आवास पर हुई। इसमें कहा गया है, ‘मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पेशेवर मुद्दों के बारे में चर्चा की गई।’ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जनरल बाजवा ने प्रधानमंत्री को नियंत्रण रेखा पर ताजा हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने देश में चरमपंथ के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी चर्चा की। बाद में सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन से भी मुलाकात की और उनको देश में सुरक्षा के हालात के बारे में जानकारी दी।

लाहौर: आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना के हाफिज सईद ने सिंध प्रांत में जबरन धर्मांतरण को रोकने के मकसद से पारित विधेयक के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का एलान किया है और कहा है कि यह कानून इस्लाम विरोधी एवं संविधान के खिलाफ है। सिंध असेंबली ने हाल ही में सिंध आपराधिक कानून (अल्पसंख्यक सुरक्षा) 2015 को पारित किया है जिसमें जबरन धर्मांतरण के षडयंत्रकारियों के लिए पांच साल की सजा और मददगारों के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है । इस विधेयक के अनुसार जबरन धर्मांतरण कराना दंडनीय अपराध होगा। वयस्कों को धर्मांतरण के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए 21 दिनों का समय दिया जाएगा। ‘साउथ एशिया पार्टनरशिप-पाकिस्तान’ (सैप-पीके) नामक संगठन के अनुसार पाकिस्तान में हर साल 1,000 लड़कियों को जबरन धर्मांतरण किया जाता है जिनमें अधिकांश हिंदू लड़कियां होती हैं। सईद ने एक बयान में कहा कि नया कानून इस्लाम और पाकिस्तानी संविधान के विरूद्ध है। उसने कहा, ‘इस्लाम विरोधी कानून के खिलाफ अपने आंदोलन में हम दूसरे राजनीतिक और धार्मिक संगठनों को साथ लेंगे।’ मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता ने कहा, ‘हम इस विवादित कानून को लेकर खामोश नहीं रहेंगे और देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे ताकि सिंध सरकार को इस इस्लाम विरोधी कानून को वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सके।’

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