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इस्तांबुल: ज्यादातर अरब देशों से संबंध खत्म होने के कारण संकट में फंसे कतर की मदद के लिए तुर्की सामने आया है। तुर्की की संसद ने कतर में सेना की तैनाती के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा तुर्की ने संकट ग्रस्त कतर को हर संभव मदद देने का भी प्रस्ताव दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने प्रस्ताव को संसद से पारित कराने के बाद इस संबंध में सरकारी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस बीच कतर ने फिर कहा है कि वह किसी भी आतंकवादी संगठन का समर्थन नहीं करता और न ही वह झूठे आरोपों के चलते किसी देश के आगे झुकेगा। गौरतलब है कि सोमवार को सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात समेत छह देशों ने आतंकवादी संगठनों की मदद करने का आरोप लगाते हुए कतर से अपने संबंध तोड़े लिये थे। वहां जाने और आने वाली विमान सेवाओं को रद्द कर दिया था। व्यापारिक रिश्ते भी खत्म कर दिये थे। इसके चलते कतर में खाद्यान्न और पेयजल की कमी हो गई है। कतर पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रमुख देशों ने 59 लोगों को काली सूची में भी डालने की घोषणा की है। जिन लोगों को काली सूची में डालकर उन्हें वांछित घोषित किया गया है उनमें ज्यादातर लोग कतर के हैं। इनमें मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि तुर्की और कतर मिस्र के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थक हैं।

यह संगठन मिस्र में कई वर्षों से सरकारी सेनाओं के साथ संघर्ष कर रहा है।

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