बीजिंग: चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के साथ साझा गश्त में शामिल होने का भारत का कोई भी कदम उसके राष्ट्रीय हितों के खिलाफ होगा। इससे एशियाई देश बंट जाएंगे और क्षेत्रीय तनाव भी बढ़ेगा। चीनी मीडिया की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई है जब पिछले महीने खबरों में यह कहा गया था कि अमेरिका और भारत ने नौवहन की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने के लिए दक्षिणी चीन सागर में साझा नौसेना गश्त शुरू करने के बारे में बातचीत की है। भारत ने लेकिन स्पष्ट किया था कि ऐसी कोई गश्त नहीं होगी और बाद में अमेरिका ने इस तरह की किसी योजना से इनकार किया। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने लेख में कहा, 'हाल के सालों में वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच सैन्य सहयोग तेज हुआ है।
भारत का अमेरिका के साथ अपने हित को नुकसान पहुंचाए बिना द्विपक्षीय नौसेना गश्त का एकमात्र मकसद दुनिया की सबसे बड़ी ताकत की मांग को पूरा करना है। इस तरह से अमेरिका भारत को जापान और ऑस्ट्रेलिया की तरह ‘वेसल स्टेट’ (पोत साम्राज्य) में शामिल कर सकता है जिससे भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा और उसके बड़ी ताकत बनने की कोशिश को भी झटका लगेगा।' पाकिस्तान को एफ-16 बेचे जाने के अमेरिकी कदम को लेकर भारत की चिंता का हवाला देते हुए इस अखबार ने कहा, 'नई दिल्ली वाशिंगटन की बातों का पालन करता है, लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि दूसरी तरफ से भी मनमाफिक चीज देखने को मिले।' इस लेख में कहा गया है कि भारत को अधिक शत्रु बनाने की बजाय ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाने की जरूरत है।