वाशिंगटन: पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के अमेरिका के निर्णय पर भारत की निराशा को खारिज करते हुए पेंटागन ने आज कहा कि भारत को इस निर्णय को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि बिक्री के समय क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखा गया था। पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक से जब पाकिस्तान को अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के निर्णय को लेकर भारत की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करने को कहा गया, तो उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि इससे भारत को कोई चिंता होनी चाहिए।’ कुक ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह क्षमता आतंकवाद से निपटने के प्रयास में पाकिस्तान की मदद करेगी और हमें लगता है कि यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में हैं।’
ओबामा प्रशासन ने रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, दोनों दलों के प्रभावशाली सांसदों के विरोध के बावजूद 13 फरवरी को कहा था कि उसने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम आठ एफ-16 लड़ाकू विमान पाकिस्तान को बेचने का निर्णय लिया है जिनकी कीमत करीब 70 करोड़ डॉलर है। कुक ने कहा, ‘इस बिक्री के दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को हमेशा ध्यान में रखा जाता है। हम पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और भारत के साथ संबंध को अलग-अलग संबंधों के तौर पर देखते हैं। मेरा मानना है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को काबू करने की दृष्टि से ये पाकिस्तानियों के लिए अहम हैं।’ भारत ने अमेरिका के इस निर्णय पर अपनी ‘नाखुशी और निराशा’ जाहिर करने के लिए अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब किया था। भारत ने अमेरिका के इस तर्क से असहमति जताई कि इस प्रकार हथियारों की आपूर्ति से पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने में मदद मिलेगी। भारत का मानना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सैन्य मदद का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों में किया जाता है।