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बराक घाटी (असम): बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर भारत में भी कई जगहों पर लोग विरोध जता रहे हैं। इस बीच असम की बराक घाटी के होटलों ने यह घोषणा की है कि जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों समुदायों के लोगों पर हमले बंद नहीं हो जाते, तब तक वे किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को अपनी सेवाएं मुहैया नहीं कराएंगे। बराक घाटी में कछार, श्रीभूमि (पूर्व में करीमगंज) और हैलाकांडी के तीन जिले शामिल हैं और यह घाटी बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के साथ 129 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करती है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में फैसला

बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को संवाददाताओं से कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है। हम इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं कर सकते, इसलिए हमने फैसला किया है कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता और हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हो जाते, तब तक हम पड़ोसी मुल्क के किसी भी नागरिक को अपने यहां नहीं रखेंगे।"

नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को असम को भारत से अलग करने के उद्देश्य से काम करना जारी रखने और जबरन वसूली और हिंसा के लिए अन्य उग्रवादी समूहों के साथ संबंध बनाए रखने के लिए यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया।

'उल्फा ने असम को भारत से अलग करने की घोषणा की'

यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) को पहली बार 1990 में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था और तब से प्रतिबंध को समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। एक अधिसूचना में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उल्फा, अपने सभी गुटों, शाखाओं और अग्रणी संगठनों के साथ, ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं। इसमें कहा गया है कि उल्फा ने असम को भारत से अलग करने के अपने उद्देश्य की घोषणा की है, अपने संगठन के लिए धन की धमकी और जबरन वसूली जारी रखी है, और जबरन वसूली और हिंसा के लिए अन्य उग्रवादी समूहों के साथ संबंध बनाए रखा है।

गुवाहटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिबंधित उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ से शांति की अपील की। सीएम ने कहा कि राज्य आने वाले 10 सालों में शक्तिशाली राज्य बनने की ओर अग्रसर है। पहले आंदोलन, बाढ़ और उग्रवाद की खातिर असम जाना जाता था। मगर अब देश के सबसे तेजी से बढ़ते और निवेश के अनुकूल राज्यों में इसकी गिनती होती है।

सीएम सरमा ने कहा कि 15 अगस्त को पूरे राज्य में बम लगाना गहरी चिंता का विषय है। ये प्रदेश में चल रहे विकास और प्रगति को प्रभावित कर सकतें हैं। मगर हमें यकीन है अगर राज्य में शांति बनी रही और युवाओं में सहयोग और उत्साह रहा तो अगले 10 वर्षों में असम एक शक्तिशाली राज्य बन जाएगा। उन्होंने उल्फा (आई) प्रमुख से अपील की है कि वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल न हों जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़े।

प्रतिबंधित उल्फा (आई) ने दावा किया था कि उसने स्वतंत्रता दिवस पर असम में सिलसिलेवार विस्फोट करने की खातिर 24 जगहों पर बम लगाए थे। हालांकि पुलिस को आठ स्थानों से बम मिले थे।

सिलचर (असम): लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर जाते समय यहां कुंभीग्राम हवाई अड्डा पहुंचे। हवाई अड्डे पर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा तथा राज्य व जिले के अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने राहुल की अगवानी की।

बोरा ने राहुल को एक ज्ञापन सौंपते हुए उनसे राज्य में आयी विनाशकारी बाढ़ का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का अनुरोध किया ताकि लोगों को पर्याप्त राहत और बाढ़ के कारण हुई गंभीर क्षति के लिए मुआवजा मिल सके।

बोरा ने कहा, ‘‘हमारी पीड़ा को केंद्र तक पहुंचाने के लिए हम आपके आभारी रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि असम को इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक पैकज मिलना चाहिए क्योंकि ‘‘राज्य सरकार केंद्र से पर्याप्त निधि हासिल करने में नाकाम रही है जो डबल इंजन की सरकार के लिए दोहरी नाकामी है।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कछार जिले के फुरेथल में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।

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