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डिब्रूगढ़: गृह मंत्री अमित शाह ने असम के डिब्रूगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर कभी कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन राहुल गांधी की यात्रा के बावजूद कांग्रेस हालिया चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। असम के 70 प्रतिशत हिस्से से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) हटाया जा चुका है, अन्य राज्यों के साथ सीमा विवाद को सुलझाया जा रहा है। राहुल गांधी ने विदेश में भारत का अपमान किया, अगर वह ऐसा ही करते रहे, तो न केवल पूर्वोत्तर से, बल्कि पूरे देश से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वे (विपक्ष) जितना बुरा बोलेंगे, भाजपा उतना आगे बढ़ते जाएगी। भाजपा असम में 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें जीतेगी और देश भर में 300 से अधिक सीटें जीत कर पुन: सत्ता में आएगी।

गौरतलब है कि हाल में मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में विधानसभा चुनाव हुए थे। भाजपा ने त्रिपुरा में सरकार बनाई और अन्य दो राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सत्ता में लौटी।

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को खालिस्तानी समर्थक द्वारा धमकी मिलने का एक मामला सामने आया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीएम सरमा को एक ऑडियो क्लिप भेज कर धमकी दी गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। खालिस्तानी संगठन के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है। असम पुलिस ने मामले की गंभीरता समझते हुए केंद्र सरकार को भी इसकी जानकारी दी है। साथ ही सीएम सरमा की सुरक्षा का रिव्यू भी किया गया है।

असम पुलिस के डीजीपी जीपी सिंह ने सीएम को मिली धमकी को लेकर एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि गुरपतवंत सिंह पन्नू नाम के एक व्यक्ति द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री को धमकी देने वाला ऑडियो क्लिप भेजा है। वो भारतीय कानून के तहत एक नामित आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस नामक एक गैरकानूनी संगठन का मुखिया है। हमनें इस मामले में एसटीएफ पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया है। हम सीएम सरमा की सुरक्षा का रिव्यू कर रहे हैं। सीएम को मिली इस धमकी को असम पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है।

गुवाहाटी: कांग्रेस की असम इकाई ने बुधवार को लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता पर बहस के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की एक टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन नोटिस दाखिल किया। कांग्रेस विधायक दल ने असम विधानसभा के प्रधान सचिव के पास शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद शर्मा ने सदन के अंदर टिप्पणी वापस ले ली। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक विशेषाधिकार हनन नोटिस वापस नहीं लिया है और बयान वापस लेने के बजाय मुख्यमंत्री से माफी की मांग की है।

विधानसभा के प्रधान सचिव को भेजे शिकायत पत्र में कांग्रेस ने कहा, "आज सदन में, सदन के नेता डॉ. हिमंत शर्मा ने कहा है कि उन्हें एसीएलपी (असम कांग्रेस विधायक दल) के कमरे में हुई चर्चा के बारे में पता है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ माननीय सदस्य एसीएलपी ने उन्हें 28 मार्च, 2023 को हुई सीएलपी बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में सूचित किया है। हम एसीएलपी के सदस्य महसूस करते हैं कि यह सदन के नेता द्वारा गलत बयान है।

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी माफी मांग सकते थे या उस टिप्पणी को वापस ले सकते थे जिसके लिए उन्हें सूरत की एक अदालत ने सजा सुनाई थी। सरमा ने कहा कि कभी-कभी जुबान फिसल जाती है और ''हमने भी इसका अनुभव किया है, लेकिन हम यह कहते हुए माफी मांगते हुए बयान जारी करते हैं कि यह अनजाने में हुआ था।'' राहुल गांधी भी ऐसा कर सकते थे और मामला वहीं खत्म हो जाता।'' सरमा ने मानहानि में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के सूरत अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए दावा किया कि गांधी ने माफी नहीं मांगी और न ही पिछले पांच वर्षों में टिप्पणियों को वापस लिया और यह सब ओबीसी समुदाय का अपमान करने के लिए किया गया था''।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि देश एक संवैधानिक लोकतंत्र में नई गिरावट देख रहा है। टीएमसी सुप्रीमो ने एक ट्वीट में कहा, “पीएम मोदी के न्यू इंडिया में, विपक्षी नेता भाजपा के मुख्य लक्ष्य बन गए हैं!

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