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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है। राज्य सरकार और शिक्षक संगठनों द्वारा यह मांग केंद्र सरकार से लंबे समय से की जा रही थी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा मित्रों को कितना वेतन देना है, यह राज्य सरकार का काम है। केंद्र न इसके लिए अतिरिक्त बजट देगा और न ही इस मामले में कोई दखल देगा। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव डॉ. सुभाष चंद्र खूंटिया ने कहा कि केंद्र सरकार सर्वशिक्षा अभियान के लिए राज्यों को पैसा आवंटन करती है। शिक्षक नियुक्त करने और वेतन देने का कार्य राज्य सरकार का है। दरअसल, राज्य में करीब 32 हजार शिक्षा मित्र अभी कार्य कर रहे हैं जिन्हें हर महीने महज 3500 रुपये वेतन मिलता है। यह किसी राज्य के न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। शिक्षा पर आने वाले व्यय में केंद्र की हिस्सेदारी 60 फीसदी होती है जबकि शेष राज्यों की होती है। यूपी में बड़े पैमाने पर शिक्षा मित्र नियुक्त हुए थे। ज्यादातर नियमित किए जा चुके हैं लेकिन 32 हजार अभी भी कार्य कर रहे हैं।

इटावा: सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश के नेतृत्व में ही फिर से सरकार बनेगी। अमर सिंह को पार्टी में शामिल करने से लेकर राष्ट्रीय महासचिव तक बनाने का फैसला पार्टी हित में है। पार्टी से उन लोगों को ही निकाला जा रहा है जो गलत काम कर रहे हैं और वे लोग पार्टी छोड़ रहे हैं जो अवैध धंधे में लिप्त रहे हैं। वह गुरुवार की दोपहर यहां जिला पंचायत भवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने जिला सहकारी बैंक पहुंचकर निदेशक पद के लिए नामांकन किया। इसके बाद जिला पंचायत में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो अनुशासनहीनता पर कार्रवाई होगी। जिन लोगों को भी पार्टी से निकाला गया है वे गलत काम कर रहे थे, और भी गलत काम करने वाले पार्टी से बाहर होंगे। उन्होंने सरकार की उपलिब्धयां गिनाईं और कहा कि जनता बजट का सरकार से हिसाब ले और काम पर नजर रखे। विकास के दम पर ही सपा फिर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनाएगी। सैकड़ों लोगों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर शिवपाल सिंह ने कहा कि अवैध कब्जे और दलाली में लिप्त लोग ही पार्टी छोड़ रहे हैं। अमर सिंह के मुद्दे पर कहा कि पार्टी जोड़ने का काम कर रही है और अमर सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाने का फैसला बिल्कुल ठीक है। फिरोजाबाद सांसद द्वारा पिछले दिनों सपा में हुई निष्कासन की कार्रवाई पर दिए गए बयान पर शिवपाल सिंह चुप्पी साध गए। उन्होंने कहा जो भी अनुशासनहीनता करेगा, उस पर कार्रवाई होगी। अवैध धंधे पर सरकार रोक लगाएगी। कई अधिकारी व माफियाओं पर कार्रवाई हो भी चुकी है।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक जांच टीम ने पाया है कि उत्तर प्रदेश में कैराना से कई परिवारों ने अपराध में बढ़ोतरी’ और वहां कानून एवं व्यवस्था की ‘गिरती’ स्थिति के डर से ‘पलायन’ किया। उसके तथ्यों के आधार पर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर टीम की टिप्पणियों और सिफारिशों पर आठ हफ्ते के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। टीम ने संबंधित साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों, स्वतंत्र गवाहों, संबंधित पुलिस अधिकारियों और एसडीएम से भी बातचीत की। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, टीम ने कैराना के सांसद के पीएस से 346 विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों की एक सूची भी हासिल की। उस सूची में तीन आवासीय जगहों का चुनाव हुआ और छह कथित पीड़ितों या विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों को सत्यापन के लिए चुना गया।

लखनऊ: बसपा में मायावती के करीबी रहे नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। पहले स्वामी प्रसाद, जुगल किशोर और अब उनके खास अंगरक्षक रहे पूर्व डीएसपी पदम सिंह भी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। पदम सिंह कभी मायावती के सबसे विश्वस्त अधिकारी माने जाते थे। वैसे सियासी दलों में बड़े नेताओं के अंगरक्षकों के शामिल होने फिर उनके सांसद या विधायक होने की परंपरा भी पुरानी है। पदम सिंह आगरा के रहने वाले हैं और जाटव जाति से होने के कारण उनका भाजपा में शामिल होना खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैसे तो पदम सिंह सब-इंस्पेक्टर थे और 1987 में कानपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात रहे। इसी तैनाती के दौरान वह सियासी नेताओं के करीबी होते चले गए। वह एनडी तिवारी की सुरक्षा के अलावा भाजपा के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह और बाद में मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में भी तैनात रहे। 3 जून 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद जब मायावती मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें उनकी सुरक्षा में लगाया गया। जाटव होने के कारण वह मायावती के भी करीबी हो गए। बसपा सरकार में वह डीएसपी रहते हुए मायावती की जूती पोछने पर विवादों में रहे थे। उन्होंने कहा कि बसपा में तो अब सतीश मिश्र ही सब कुछ हैं। पदम सिंह के अलावा पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत बसपा के कई नेताओं ने बुधवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान के मंच से भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। बसपा सरकार में मंत्री रहे सहारनपुर के सैनी के साथ बुंदेलखंड के ललितपुर से बसपा विधायक रमेश कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए।

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