लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान आज (शनिवार) सड़कों पर उतर आया। परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सूर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की। लगातार बदलते घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने समर्थकों से कहा कि वह शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के नेताजी :मुलायम सिंह यादव: के निर्णय के खिलाफ अपना आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें। सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, युवजन सभा और यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस बीच, शिवपाल के समर्थकों ने भी पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर उनके पक्ष में नारेबाजी की। हालात के मद्देनजर सपा मुखिया ने शिवपाल से मुलाकात और अखिलेश से टेलीफोन पर बात की। इसके अलावा अखिलेश भी शिवपाल के घर पहुंचे। नाराज अखिलेश समर्थकों ने सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। करीब तीन घंटे तक सपा राज्य मुख्यालय से लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सड़क पर परस्पर विरोधी समर्थकों का कब्जा रहा। इस दौरान पुलिस को उन्हें सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सपा मुख्यालय के सामने से हटाये जाने के बाद बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री अखिलेश के समर्थक उनके सरकारी आवास पर पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने उन्हें अंदर बुलाकर कहा कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना नेताजी का फैसला है। इसके खिलाफ यह आंदोलन खत्म होना चाहिये। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ना होने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पार्टी में एकता बनाये रखना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उम्मीद है कि नौजवान इन बातों को समझेंगे और वह पार्टी की यात्रा के साथ प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनाएगा।