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मेक इन इंडिया अच्छा आइडिया,पर सफल बनाने में फेल रहे पीएम: राहुल

लखनऊ: सपा के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार शाम अखिलेश यादव से उनके कालीदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की और उनसे कहा- एक हो जाओ। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने ईमानदारी से काम किया है। साढ़े चार साल वही किया जो नेताजी ने कहा। मेरे साथ कौन न्याय करेगा। अखिलेश यादव ने वरिष्ठ नेताओं से कहा कि सभी बड़े फैसले नेताजी की सहमति से लिए गए हैं। अधिकारी उनके कहने पर लगाए गए। मंत्रियों को उन्होंने हटवाया, उन्होंने ही वापस करा दिया। मुख्य सचिव को भी उन्होंने हटवाया और अगले ही दिन वापस लेने के लिए कहने लगे। नेताजी की हर बात को निभाया। हमेशा संतुलन बनाकर काम किया। साढ़े चार साल मेहनत की, पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया। अब क्या स्थिति है, आप सभी देख रहे हैं। कहा, मेरे साथ अन्याय हुआ है, मेरे साथ कौन न्याय करेगा। बेनी प्रसाद और रेवती रमण ने अखिलेश के सामने नेताजी से हुई बातचीत का ब्यौरा रखा। कहा कि वे दुखी है, पार्टी में अलगाव नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि गड़बड़ियां कहां से हुई हैं? अमर सिंह की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के कहने पर फैसले होंगे तो स्थितियां खराब होंगी ही। सरकार बनने पर जवाबदेही किसी व्यक्ति के प्रति नहीं, नहीं विधायकों और जनता के प्रति होती है। मैंने इसे निभाने की पूरी कोशिश की। 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी का अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है और मुलायम सिंह के परिवार का झगड़ा दिनों दिन गहराता जा रहा है। समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच पार्टी कार्यकारिणी की आज अहम बैठक लखनऊ में है। इस बैठक में पार्टी की अंतर्कलह सुलझने की उम्‍मीद जताई जा रही है। सुलह के प्रयासों के तहत आज सुबह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने पार्टी के कई बड़े नेता पहुंचे। जानकारी के अनुसार, पार्टी के चार बड़े और पुराने नेता बेनी प्रसाद वर्मा, किरणमय नंदा, रेवती रमन सिंह और नरेश अग्रवाल मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे। ये बैठक मुलायम सिंह के आवास पर हुई। मीटिंग शुरू होते ही शिवपाल सिंह यादव को भी मुलायम सिंह के घर बुलाया गया और पार्टी कलह को लेकर मंथन का दौर चला। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पार्टी के नेताओं को एकजुट रखने की कवायद पर चर्चा हुई। साथ ही बैठक में नेताओं ने सपा एमएलसी उदयवीर के पोस्ट पर कड़ा ऐतराज जताया। बता दें कि उदयवीर ने पूरे मामले में अखिलेश की सौतेली मां साधना का नाम घसीट लिया था। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव राज्य कार्यकारिणी की बैठक ले रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी आवास पर कार्यकारणी बैठक बुलाई। बैठक में उनके करीबी लोगों के शामिल होने की खबर आई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधानपरिषद सदस्य उदयवीर सिंह को शनिवार को सपा से निकाल दिया गया। सपा प्रवक्ता अम्बिका चौधरी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिये सपा से निष्कासित कर दिया गया है। मालूम हो कि सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। चौधरी ने कहा कि अमर्यादित तरीके से अनुशासनहीन आचरण करने वालों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी पिछले 25 सालों में अनुशासन और संकल्प के बलबूते ही यहां पहुंची है। उदयवीर ने जो अमर्यादित, अशोभनीय और अनुशासनहीन आचरण किया है, उसके लिये उन्हें पार्टी से छह वर्षों के लिये निष्कासित कर दिया गया है। इस बीच, उदयवीर सिंह ने अपने निष्कासन के बारे में कहा ‘मुझे कोई अफसोस नहीं है। मैंने जो भी राजनीतिक मुद्दे उठाये, वे लोकतांत्रिक अधिकार के तहत उठाये थे। नेताजी (मुलायम) पार्टी के संरक्षक है। मुझे पूरा भरोसा है कि वह सबके साथ न्याय करेंगे, मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) जी के साथ भी न्याय करेंगे।’ उन्होंने कहा कि अफसोस इस बात का है कि नेताजी को मंचों से गाली देने वाले लोग इस वक्त पार्टी में मौजूद हैं और पत्र लिखने वाले शुभचिंतकों को पार्टी से निकाला जा रहा है। नेताजी जब भी कभी गम्भीरता से विचार करेंगे तो जरूर सोचेंगे।

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): ‘समाजवादी परिवार’ में अन्तर्कलह के रोज़ नये रंग सामने आ रहे हैं। सपा नेतृत्व ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मन टटोलने और रुख भांपने के लिये एक के बाद एक महत्वपूर्ण बैठकें बुलाई हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को पार्टी राज्य मुख्यालय पर सभी जिलाध्यक्षों की बैठक बुलायी, वहीं सपा की राज्य कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को होगी। इस बैठक में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के भी शामिल होंगे। मुलायम सिंह लखनऊ पहुँच चुके हैं। कुनबे में छिड़ी वर्चस्व की जंग में फिलहाल अपने भाई शिवपाल के साथ खड़े दिख रहे मुलायम ने मौजूदा सूरतेहाल को लेकर पार्टी नेताओं तथा उनके क्षेत्र की जनता की नब्ज टटोलने के लिये आगामी 24 अक्तूबर को विधायकों और मंत्रियों की बैठक भी बुलाई है। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने यहां बताया कि बैठक के बाद मुलायम आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। दरअसल चाचा-भतीजे की जंग में अब पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को यह तय करना है कि पार्टी के टिकट बटबारे में किसकी चलेगी। ज़ाहिरातौर पर अखिलेश यादव अपने पसंदीदा लोगों को चुनाव मैदान में उतारना चाहेंगे। शिवपाल सिंह यादव ने आज (शुक्रवार) एक बार फिर पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रही रार पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि 'अखिलेश यादव ही अगली बार भी मुख्यमंत्री होंगे।

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