ताज़ा खबरें
मेक इन इंडिया अच्छा आइडिया,पर सफल बनाने में फेल रहे पीएम: राहुल
महाकुंभ हादसा:अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों को नहीं दिया जा रहे शव

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार) अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में भगदड़ की एक घटना में हुई मौतों पर शोक जताया और मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों की हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वाराणसी में भगदड़ के दौरान लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं। घायलों के लिए प्रार्थना।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों से बात की है और वाराणसी में भगदड़ से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद सुनिश्चित करने के लिए कहा है।’’ मोदी ने घटना में मरने वालों के परिजन को दो-दो लाख रूपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रूपये दिये जाने को मंजूरी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से यह राशि देने की घोषणा की। वाराणसी की सीमा और चंदौली के बीच राजघाट पुल पर भगदड़ में कम-से-कम 19 लोगों की मौत हो गयी और 60 अन्य लोग घायल हो गये।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के चंदौली और वाराणसी जिले की सीमा पर आज (शनिवार) बाबा जयगुरुदेव जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं में मची भगदड़ में अब तक 24 लोगों की मौत हो गयी तथा 60 अन्य जख्मी हो गये। मृतकों में 15 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया। सूत्रों ने बताया कि लाखों की भीड़ बेकाबू होने से भगदड़ मची। जिलाधिकारी कुमार प्रशां ने बताया कि चंदौली जिले में गंगा के किनारे डोमरी गांव में बाबा जयगुरुदेव की याद में आयोजित दो दिवसीय जागरूकता शिविर में आये बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी स्थित पीली कोठी से होते हुए डोमरी गांव जा रहे थे। रास्ते में राजघाट पुल पर अचानक भगदड़ मच गयी। उन्होंने बताया कि हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गयी तथा 60 अन्य घायल हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनमें से 5 की हालत नाजुक बतायी जाती है। मृतकों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं।

लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यहां लोकभवन सभागार में नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’का नारा देने वाले लखनऊ में आकर रामलीला के मंच से क्या नारा दे गए? उन्होंने केन्द्र सरकार पर यूपीए सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने का आरोप भी लगाया। यादव वीमेन पॉवर लाइन 1090 की तरफ से पॉवर एन्जल्स (शक्ति परियों) को विशेष पुलिस अधिकारी का परिचय पत्र प्रदान कर रहे थे। उन्होंने कुल 25 पॉवर एन्जल्स को अपने हाथों परिचय पत्र दिया। समारोह में कुल 450 पॉवर एन्जल्स को परिचय पत्र दिया गया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर भी नाम लिए बगैर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्हें तो बेटियों की ज्यादा चिन्ता होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा की चिन्ता सबसे ज्यादा समाजवादियों ने की। उन्होंने प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार और केन्द्र की मौजूदा मोदी सरकार के कार्यों से अपनी सरकार के कार्यों की तुलना करने की चुनौती दी। उन्होंने सवाल किया कि जिन्हें प्रदेश की जनता ने 70 सांसद चुनकर दिए थे उन्होंने अच्छे दिन लाने के लिए क्या किया? उन्होंने यह भी कहा कि जरूरी नहीं कि चुनाव विकास व काम पर ही हो। वे चुनाव में कई नए मुद्दे लेकर आ जाएंगे। सपा सरकार ने महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए वीमेन पॉवर लाइन का मंच दिया। सम्भव है कि इसमें आने वाली शिकायतों के आंकड़े लेकर वे जनता को यह बताएं कि प्रदेश में अपराध बढ़े हैं।

लखनऊ: समान नागरिक संहिता (कामन सिविल कोड) को लेकर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और केन्द्र सरकार के बीच जारी कानूनी जंग के बीच समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि इस मसले को धर्मगुरुओं पर छोड़ दिया जाना चाहिये। यादव ने यहां पार्टी राज्य मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में समान नागरिक संहिता को लेकर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अभी वह इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन इतना जरूर है कि इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे को धार्मिक नेताओं पर छोड़ देना चाहिये। देश और इंसानियत के सवाल पर सबको एकजुट रहना चाहिये। सपा मुखिया ने कहा कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा पूर्व में भी उछाला जाता रहा है। उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि एक बार समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया का पुणे के पास एक शहर में कार्यक्रम था। तब वहां इसी मुद्दे को लेकर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच काफी तनाव था। बड़ी संख्या में लोग लोहिया को सुनने आये थे। उन्होंने बताया कि लोहिया ने अपने भाषण में कहा था कि कुरान, गीता और रामायण सभी में इंसानियत का पाठ सिखाया गया है। सभी लोग अपने-अपने धर्मों की रस्सी मजबूती से थामकर चलें और मिलजुलकर रहें। लोहिया के वचनों का दोनों समुदायों पर ऐसा गहरा असर हुआ कि अगली सुबह तक तनाव बिल्कुल खत्म हो गया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख