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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में विकास कार्यों को गति देने के मकसद से 5,000 करोड़ रुपये की लागत से सात परियोजनाओं की सोमवार को शुरुआत की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन में भरोसा रखती है। जिन योजनाओं की शुरुआत की गयी, उसमें महत्वकांक्षी गैस पाइपलाइन परियोजना ‘ऊर्जा गंगा’ शामिल है। इसके जरिये शहर के अलावा पड़ोसी राज्यों के लोगों को पाइप के जरिये घरों में रसोई गैस उपलब्ध करायी जाएगी। शुरू किये गये अन्य कार्यक्रमों में डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स का विस्तार, 765 : 400 केवी जीआईएस वाराणसी पावर सब-स्टेशन का लोकर्पाण तथा वाराणसी पोस्टल रिजन का उद्घाटन शामिल हैं। मोदी ने दूसरी लाइन के साथ इलाहाबाद-वाराणसी रेल लाइन का विद्युतीकरण, राजातालाब रेलवे स्टेशन पर जल्दी खराब होने वाले सामान के लिये कार्गो केंद्र तथा डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स के विस्तार से जुड़ी परियोजना (चरण-1) की शुरुआत की। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने परियोजनाओं के समय पर पूरा किये जाने पर जोर दिया है और यह सुनिश्चित करने के लिये काम किया है कि न केवल आधारशिला रखी जाए बल्कि परियोजनाओं का समय पर उद्घाटन भी हो। उन्होंने कहा कि सरकारी पहल का वास्तविक उद्देश्य परियोजनाओं का उपयुक्त क्रियान्वयन तथा लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।

मुंबई: समाजवादी पार्टी से निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद रामगोपाल यादव ने सोमवार को अखिलेश यादव के साथ मिलकर नई पार्टी के गठन से जुड़ी अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने हालांकि अगले चुनाव के बाद अपने भतीजे को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, ''दूसरी पार्टी बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. मैं दूसरी पार्टी क्यों बनाऊंगा? जिनके पास कुछ भी नहीं है, उन्हें दूसरे दल के गठन को लेकर सोचना चाहिए। अखिलेश के पास सब कुछ है. लोग उनके साथ हैं।' अखिलेश के प्रति एक बार फिर अपने समर्थन का इजहार करते हुए रामगोपाल ने सपा नेताओं शिवपाल यादव और अमर सिंह को उनके खिलाफ किसी जनसभा में आरोप लगाने और वहां से सकुशल लौटने की चुनौती दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए रामगोपाल ने कहा कि किसी भी अन्य पार्टी में मुख्यमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत लड़ाई नहीं छेड़ी जाती है। यह निराशाजनक है कि अखिलेश पार्टी के ही लोगों के निशाने पर हैं। अगले चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश की वापसी सुनिश्चित करने को अपना मौजूदा लक्ष्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इसको प्राप्त करने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि सपा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से भाजपा के साथ कथित तौर पर साठगांठ करने के आरोप में उन्हें रविवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

लखनउ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ तनातनी में मंत्री पद गंवाने वाले उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने आज अपने भतीजे पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश ने उनसे कहा था कि वह अलग पार्टी बनाएंगे और किसी भी दल से मिलकर चुनाव लड़ेंगे। शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलायी गयी विधायकों, मंत्रियों, विधान परिषद सदस्यों तथा अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं की बैठक में मुख्यमंत्री पर तीखे वार करते हुए कहा कि वर्ष 2012 में जब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश को इस पद पर बैठाया गया था तो उन्होंने इसे दिल से स्वीकार किया था लेकिन जब अखिलेश को प्रान्तीय अध्यक्ष पद से हटाया गया तो उन्होंने उनके महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये। उन्होंने मुख्यमंत्री पर बेहद गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा ‘‘मैं कसम खाकर कहता हूं। अखिलेश जी ने खुद मुझसे कहा था कि मैं अलग दल बनाउंगा और किसी भी दल से मिलकर चुनाव लड़ लूंगा।’’ शिवपाल ने मुलायम सिंह से नेतृत्व सम्भालने की अपील करते हुए कहा ‘‘नेताजी, उत्तर प्रदेश का नेतृत्व आपको सम्भालने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि मुलायम उन्हें पूरी छूट दें, ताकि वह पार्टी के विरोधियों को बाहर निकाल सकें। उन्होंने आरोपों का दौर जारी रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास अपने विभाग की समीक्षा करने का वक्त नहीं होता है लेकिन आप पता लगा लेना कि मेरे विभागों के काम की समीक्षा होती थी और गलती करने वाले अधिकारियों को दण्ड भी मिलता था। ‘‘मुख्यमंत्री जी हम जानते हैं कि आपके विभागों में कितनी गडबड़ियां हुई हैं, क्या किसी अधिकारी को दण्ड मिला।’’ जारी

लखनउ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ तल्खी के बीच आज कहा कि अगर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव कहें तो वह पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। अखिलेश ने सपा मुखिया द्वारा बुलायी गयी विधायकों, मंत्रियों तथा विधान परिषद सदस्यों एवं वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में बेहद भावुक लहजे में कहा ‘‘अगर नेताजी :मुलायम: चाहें तो मैं पद छोड़ने को तैयार हूं। नेताजी जिसे ईमानदार समझते हों, उसे मुख्यमंत्री बना दें।’’ उन्होंने रंधे हुए गले से कहा ‘‘मैं अलग पार्टी क्यांे बनाउंगा। मेरे पिता मेरे गुर हैं।’’ अखिलेश ने सपा महासचिव अमर सिंह का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोग तमाम हथकंडे अपनाकर उनके परिवार में विभाजन कराना चाहते हैं। मैं पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों के विरोध में बोलूंगा। नेताजी ने मुझे ... हमें गलत चीजों का विरोध करना सिखाया है। प्रदेश के समाजवादी कुनबे में जारी घमासान के बीच अखिलेश द्वारा शिवपाल को कल मंत्रिमण्डल से बख्रास्त किये जाने और मुख्यमंत्री के हिमायती वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव को सपा मुखिया द्वारा पार्टी से बाहर किये जाने के बाद बुलायी गयी यह बैठक सपा के भविष्य के लिहाज से निर्णायक हो सकती है।

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