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बलरामपुर (उप्र): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सपा में टिकट बंटवारे को लेकर मचे घमासान के बीच विधानसभा चुनाव में गठबंधन की संभावनाओं पर शुक्रवार को कहा कि राजनीति में किसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आजाद यहां जनाक्रोश रैली में हिस्सा लेने आये थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बागी तेवर और कांग्रेस से गठबंधन पर कहा, ‘राजनीति सम्भावनाओं का खेल है। राजनीति में किसी सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता।’ उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कांग्रेस से गठजोड के बारे में किये गये सवाल के जवाब में कहा था कि यदि गठजोड़ होता है तो सपा 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी। हालांकि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गठजोड़ की किसी भी संभावना से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा और इस बार के विधानसभा चुनाव में काफी फर्क है, क्योंकि पिछली बार सपा और बसपा के बीच मुख्य मुकाबला था लेकिन इस बार भाजपा और कांग्रेस बराबर लड़ाई में हैं। आजाद कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी भी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तोड़फोड़ और फायदे के लिये राजनीति नहीं करती है। यह काम भाजपा और बसपा करती है। भाजपा और बसपा तोड़ने और मारने की राजनीति करती है। उन्होंने सपा में चल रहे घमासान पर संवाददाताओं से कहा, ‘समाजवादी पार्टी में चल रहा घमासान ड्रामा नहीं है।

फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी में छिड़ी रार के बीच सपा नेता प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी में कोई घमासान नहीं है। संगठन सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की भूमिका मुख्यमंत्री की ही रहेगी।उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आने वाले दस वर्ष में देश के सबसे बड़े नेता होंगे। रामगोपाल ने कहा, हम तो अब अखिलेश यादव की राह में कोई रोड़ा नहीं आने देंगे। वह जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, उनसे देश के शीर्ष नेता का ताज दूर नहीं है। पार्टी में टिकट वितरण पर रार के बारे में राम गोपाल ने कहा कि संगठन सबसे बड़ा है, जिनके टिकट कटे हैं, भविष्य में वो भी चुनाव लड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि 2012 में समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में मेट्रो और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे नहीं था। इसके साथ ही उनका तैयार किया लैपटॉप वितरण प्लान उस चुनाव में गेम चेंजर बन गया। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में शह मात का खेल जारी है. यहां सियासी शतरंज पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बड़ा दांव खेल रहे हैं। अपने कई करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की एक नई लिस्ट जारी कर दी है, जिनमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, पवन पांडे, राम गोविंद चौधरी का नाम हैं। ये उन लोगों के नाम हैं जिनके टिकट मुलायम सिंह यादव ने काट दिए थे हालांकि अखिलेश यादव की ओर से अभी इस लिस्ट की पुष्टि नहीं की गई है और न ही इस पर उनके दस्तखत हैं। इसके तुरंत बाद मुलायम ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रही घमासान में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह घोषणा मुलायम सिंह यादव ने पत्रकार वार्ता में की। इससे पहले पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनसे पूछा था कि क्‍यों न अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए। लेकिन कारण बताओ नोटिस का जबाब मिलने से पहले ही दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। अब पार्टी का विभाजन तय माना जा रहा है।उधर रामगोपाल ने एक जनवरी को सुबह 11 बजे सपा का राष्ट्रीय आपातकालीन सम्मेलन बुलाया है।पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि 'ये निष्‍कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है। बिना पक्ष सुने कार्रवाई नहीं की जा सकती। सम्‍मेलन तो बुलाया ही जाएगा। नेताजी (मुलायम सिंह) को पार्टी का संविधान मालूम नहीं है। इस पार्टी में लगातार शीर्ष स्तर से असंवैधानिक काम हो रहे हैं। अगर पार्टी का अध्यक्ष असंवैधानिक काम करे तो फिर सम्मेलन कौन बुलाएगा? एक भी मीटिंग नहीं हुई तो फिर कैसे पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए। पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग पर सम्मेलन बुलाया गया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को सीएम अखिलेश यादव ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद 235 उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी कर दी। इसके कुछ देर बाद ही उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी के 68 अन्‍य उम्‍मीदवारों की भी दूसरी लिस्ट जारी की। इससे पहले बुधवार को मुलायम-शिवपाल पहले ही 325 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की गई थी। यानि प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल की ओर से अब तक 393 उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें और अगले कुछ दिनों में यहां चुनावों की घोषणा हो सकती है। समाजवादी पार्टी में अपने समर्थकों के दबाव में बड़ा कदम उठाते बड़ी राह चुन ली है। अखिलेश अब अपनी टीम के भरोसे चुनावी जंग जीतना चाहते हैं। उन्होंने हर उस दावेदार को टिकट दे दिया है जिसे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने खारिज कर दिया था। अब कई सीटों पर तो सपा से दो-दो प्रत्याशी हो गए हैं। अखिलेश की सूची में मंत्री पवन पांडेय अयोध्या से नाम है तो बेनी के बेटे के खिलाफ रामनगर से अरविंद सिंह गोप ताल ठोकेंगे। मुरादाबाद की तो कई सीटों पर अखिलेश खेमे ने समान्तर प्रत्याशी घोषित कर दिए। अखिलेश की सूची में गोसाईंगज फैजाबाद से विधायक अभय सिंह का नाम भी है। मुलायम शिवपाल समर्थक अतीक अहमद, रामपाल यादव समेत कई विधायकों को अखिलेश ने अपनी सूची में नहीं रखा है।

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