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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मची अंदरुनी कलह और सुलह की तमाम कोशिशों के बीच आज (बुधवार) प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश की जनता ने यह मन बना लिया है कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी की सरकार बने। उन्‍होंने इशारों-इशारों में यह भी कहा कि ''जब चुनावी तारीख आ जाएं तो समझ लो 'लड़ाई' शुरू हो गई और मैं चाहता हूं कि प्रदेश की जनता एक बार फिर काम करने वालों को वोट दे। हालांकि सुलह की संभावना को लेकर मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने सीधा कोई जवाब नहीं दिया। अखिलेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'कम से कम विरोधी पार्टी के लोग अपना काम तो बताएं। लोकतंत्र में कम से कम आकलन होता है और अगर जनता आकलन करेगी तो समाजवादी पार्टी को दोबारा सत्‍ता में पहुंचाने का काम करेगी। पार्टी में घमासान और समझौते के मुद्दे को लेकर अखिलेश ने कहा कि 'मैं समझता हूं कि यह समय ऐसा है कि समाजवादी सिद्धांत कैसे आगे बढ़ें। समाजवादी विचारधारा और कैसे आगे तक जाएं। समाजवादियों के आशीर्वाद से मुझे काम करने का मौका मिला, शायद उन्‍हीं का आशीष था कि काम हो पाए। नेताजी ने ही कहा था कि क्‍या एक्‍सप्रेस-वे 23 महीने में बन सकता है... हमने इसे 23 महीने में ही बनाकर दिखा दिया। मेट्रो देश में कभी इतने कम वक्‍त में नहीं बनी होगी। इसलिए मैं कह रहा हूं कि लोकतंत्र में नेताजी ने मुझे मौका दिया और उन्‍हीं के आशीर्वाद से हमने इतना काम किया है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। इन राज्‍यों में बसपा का किसी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा। मायावती ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार को एक फरवरी को आम बजट पेश नहीं करने का निर्देश दे। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। मायावती ने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में उनकी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी के साथ कोई समझौता या गठबंधन नहीं किया जाएगा। मुसलमानों से बसपा को वोट देने की बार बार अपील कर चुकी मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश के साथ साथ उत्तराखंड और पंजाब इन तीनों राज्यों में विधानसभा का चुनाव अकेले पूरी तैयारी के साथ अपने बलबूते पर लडेगी तथा बसपा मूवमेंट के हित के मद्देनजर किसी के साथ किसी तरह का गठबंधन या समझौता नहीं करेगी। उन्होंने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए चुनाव आयोग का स्वागत करते हुए आयोग से अनुरोध किया, निष्पक्ष चुनाव के लिए केन्द्र सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह एक फरवरी को आम बजट पेश ना करे और उसके स्थान पर 2012 की तरह सभी पांच राज्यों में अंतिम मतदान की तारीख यानी आठ मार्च के बाद किसी भी तारीख को पेश करे।

नई दिल्ली: सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मुलायम और अखिलेश के बीच चल रही उठापटक के बीच यूपी में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई। यहां पर 7 चरणो में चुनाव कराए जाएंगे। जबकि मतगणना 11 मार्च को होगी। यूपी में पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को होगा और अंतिम चरण 8 मार्च को होगा। चुनाव की घोषणा के साथ यह साफ हो गया है कि यूपी में बोर्ड और यूनीवर्सिटी की परीक्षाएं चुनाव के बाद ही होंगी। यूपी में अभी समाजवादी पार्टी की सरकार है। 403 विधानसभा सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस समय समाजवादी पार्टी के पास 229 सीटें हैं। दूसरे नंबर पर बसपा है। उसके पास 80 सीटे हैं। भाजपा के पास 40 और कांग्रेस के पास 28 सीटें हैं। प्रदेश सात चरणों में मतदान होगा। पहला चरण में 73 सीटों के लिए 11 फरवरी, दूसरे चरण में 67 सीटें के‌ लिए 15 फरवरी, तीसरे चरण की 69 सीटों के लिए 19 फरवरी, चौथे चरण की 53 सीटों के लि‌ए 23 फरवरी, पांचवे चरण की 52 सीटों के लिए 27 फरवरी, छठवें चरण की 43 सीटों के लिए 4 मार्च, सातवें चरण की 40 सीटों के लिए 8 मार्च को मतदान होगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए मायावती ने जातिवार टिकटों का ऐलान किया है। मायावती ने सभी 403 सीटों का जातिवार ब्योरा पेश किया. 87 सीटों पर दलित, 97 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया गया है। मायावती ने बताया कि कुल 403 सीटें हैं, जिनमें एससी को 87, मुस्लिम को 97, ओबीसी को 106 और अगड़ी जाति के 113 उम्मीदवार हैं। अगड़ी जातियों में 66 टिकट, ब्राह्मणों को 36, कायस्थ,वैश्य और पंजाबी समाज के लोगों को 11 टिकट दिए गए हैं। मायावती का कहना है कि टिकट बंटवारे में यह देखा गया है कि कौन कितना बीएसपी के आंदोलन से जुड़ा रहा है। बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार पर करारा हमाला करते हुए कहा कि नोटबंदी आजाद भारत का एक काला अध्याय है, बिना किसी तैयारी के ही 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का फैसला लिया गया। मायावती ने लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नोटबंदी से 90 फीसदी लोग परेशान हुए हैं। लोगों को अपने पैसे खर्च करने की आजादी होनी चाहिए। इस फैसले से कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था लेकिन अच्छे दिन आने के कम आसार दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले की तरह लोगों को पैसे निकालने देना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि कालाधन लाएंगे और सबके खाते में 15-15 लाख रुपये आएंगे। उम्मीद है कि सबके खाते में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे।

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