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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुए विवाद को सुलझाने की कोशिशें गुरुवार को बेनतीजा रहीं। सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की, फिर मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के साथ उनकी बैठकों का दौर चला, लेकिन सब बेनतीजा रहने के कारण देर शाम अखिलेश ने अपने आवास पर फिर बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विधायकों से कहा कि चुनाव की तैयारी करें, इलाके में जाएं। सूत्रों का कहना है कि जिनके टिकट कटे है उनके लिए अखिलेश अलग से अपनी सूची जल्द जारी कर सकते हैं। इसी क्रम में कई विधायकों का कहना है क‍ि 'नई लिस्‍ट आएगी। सीएम ने हमें तैयार रहने को कहा है। अब सवाल यह है कि क्‍या अखिलेश अपनी लिस्‍ट जारी करेंगे? आज सुबह अखिलेश यादव के आवास पर उनके 80 समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई। वहीं, बाहर जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनके समर्थकों ने नारेबाजी की। जमीयत-ए-उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने भी मुलायम सिंह से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मंत्री रामगोविंद ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह की मांग पर मुझे चन्द्रशेखर जी ने सपा में जाने को कहा था। आज तक मैंने ना मुलायम सिंह से कभी टिकट मांगा और ना मंत्रालय की मांग की। उन्होंने कल मेरे जैसे व्यक्ति का टिकट काट दिया।

उन्होंने कहा 'आज से मेरा लक्ष्य आपको शिखर पर पहुंचाना होगा और आपके लिये काम करना होगा। मेरे लिये आप ही समाजवादी पार्टी हैं।' अखिलेश के साथ मीटिंग में उनके समर्थक मंत्रियों नेताओं और विधायकों ने एक स्वर से कहा- अखिलेश जी जनता, पार्टी , कार्यकर्त्ता , समर्थक सब आपके साथ हैं, ऐसे में आप निर्णय लीजिये। इस दौरान सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि मेहनत व काम करने वालों को टिकट मिलना चाहिये। मैं पार्टी प्रेसिडेंट तो हूं नहीं। गलत काम करने वालों को भी टिकट मिला है। मैं नेताजी से बात कर पूरी बात बताऊंगा। इसके अलावा पार्टी से बर्खास्त एमएलसी और अखिलेश के कट्टर समर्थक उदयवीर ने तो रामायण के एक दोहे से अखिलेश का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा 'का चुप साध रहे बलवाना।' मालूम हो कि बुधवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है जिससे अखिलेश नाराज बताए जा रहे हैं। लिस्ट में अखिलेश के कई समर्थकों के टिकट काटे गए है। इस लिहाज के बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लिस्ट जारी होने के बाद अखिलेश ने देर रात उत्तर प्रदेश विकास परिषद की उपाध्यक्ष सुरभि शुक्ला और उनके पति संदीप शुक्ला को पद से हटा दिया। संदीप राजकीय निर्माण निगम में सलाहकार थे। उन्हें बुधवार को जारी सूची में सुलतानपुर के सदर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया था। दोनों को पीडब्ल्यूडी व सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के खासे करीबी माना जाते हैं। इसे मुख्यमंत्री द्वारा समर्थकों को टिकट न मिलने के चलते पलटवार माना जा रहा है। इसके अलावा मुलायम ने कई ऐसे नामों पर मुहर लगा दी जिन्हें अखिलेश नहीं चाहते थे। लिस्ट में तीन मंत्रियों समेत 51 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इनमें से ज्यादातर अखिलेश के समर्थक माने जाते हैं। नई सूची में सीएम अखिलेश द्वारा बर्खास्त किए गए 10 मंत्रियों को भी प्रत्याशी बनाया गया है। सूची में 40 यादव और 63 मुस्लिमों को टिकट दिया गया है। अखिलेश सरकार में वनराज्य मंत्री व अयोध्या से विधायक पवन पांडेय का टिकट काट दिया गया है। सपा उन्हें अनुशासनहीनता में पार्टी से बर्खास्त कर चुकी थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्री बनाए रखा। मुख्यमंत्री के नजदीकी पंचायती राज मंत्री राम गोविन्द चौधरी का टिकट काटकर नीरज सिंह गुड्डू को उम्मीदवार घोषित किया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप को भी झटका लगा है। गोप का टिकट काट कर उनकी जगह केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को उनकी रामनगर सीट से टिकट दे दिया गया है। मंत्री कमाल अख्तर भी प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं, हालांकि उनकी सीट पर कोई प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। दरअसल, इस सियासी महाभारत में बुधवार को जिस तरह से मुलायम सिंह यादव ने 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की और तमाम अखिलेश समर्थकों को टिकट नहीं दिया और मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के टिकट काट दिए वह एक नए दंगल की ओर इशारा कर रहा है।

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