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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नरेंद्र मोदी सरकार पर सस्ती लोकप्रियता के लिए सस्ती मानसिकता से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 'भारत इंटरफेस फॉर मनी' मोबाइल एप को 'भीम' का उपनाम देकर इसे डॉ़ अम्बेडकर के नाम से जोड़ना 'मुंह में राम, बगल में छुरी' की कहावत को चरितार्थ करने की तरह है। मायावती ने कहा कि डॉ़ अम्बेडकर के नाम का अनुचित व कुतर्कपूर्ण इस्तेमाल का प्रयास राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए है, लेकिन इससे भारतीय जनता पाटीर् (भाजपा) के दामन पर लगा दलित व गरीब-विरोधी होने का वर्षों पुराना धब्बा मिटने वाला नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाइल एप के अंग्रेजी नाम के संक्षिप्त हिंदी नाम को 'भीम' कहकर उसे बाबा साहब डॉ़ अम्बेडकर के नाम से जोड़कर दलितों के वोट हथियाने का राजनीतिक हथकंडा अपनाने का प्रयास किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद देश के दलित वर्ग के लोग अब इस प्रकार के बहकावे में कतई नहीं आने वाले हैं।गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की योजना के तहत भीम नाम से एप को लॉन्च किया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने पार्टी में संकट को शनिवार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाली पारिवारिक कलह में पार्टी सदस्यों से मुलायम सिंह यादव का समर्थन करने का आग्रह किया। लंबे समय तक पार्टी से बाहर रहने के बाद हाल में वापसी करने वाले अमर ने कहा कि मैं पार्टी सदस्यों से नेताजी के साथ खड़े होने की अपील करता हूं। जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। सपा सुप्रीमो मुलयाम सिंह द्वारा अपने बेटे अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकालने के बाद पार्टी में संकट को लेकर अमर से सवाल किया गया था। अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने पार्टी के औपचारिक उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की और रविवार को पार्टी की एक बैठक बुलाई है। अमर ने कहा कि पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी । मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह सपा के अध्यक्ष हैं, साथ ही में अखिलेश के पिता भी हैं। मुलायम ने कल कहा था कि उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की है। पार्टी को कड़े प्रयासों के जरिए खड़ा किया गया है। उन्होंने कहा था कि हमें पार्टी बचानी है। पार्टी पहले है। इसलिए हम अखिलेश और रामगोपाल दोनों को निकाल रहे हैं।

लखनऊ: सपा में घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और आजम खान की बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है। अब एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है। इस बैठक में शिवपाल और अबू आजमी भी मौजूद थे। इस बैठक में आजम ने अखिलेश के साथ मिलकर अमर सिंह को निकालने की मांग भी की। आजम ने कहा कि अगर अमर सिंह को निकाला जाता है तो सब ठीक हो जाएगा। इस बैठक में शिवपाल यादव को भी बुलाया गया।सबसे दिलचस्प यह रहा कि अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी चाचा और सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री और रामगोपाल का निष्कासन रद्द किये जाने का ऐलान किया। शिवपाल यादव ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया है। सुलह की उम्मीद उस वक्‍त जगती दिखी जब मुलायम के साथ बैठक में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव शामिल हुए। इससे पूर्व शुक्रवार को टिकट बंटवारे को लेकर टकराव इतना बढ़ा कि पांच साल पहले अपनी विरासत बेटे को सौंपने वाले पिता मुलायम सिंह यादव ने उसी बेटे अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से ही निकाल दिया था। शुक्रवार को पूरे दिन चले इस सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई थी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान जारी है. सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद अखिलेश के समर्थक सड़क पर आग और जमकर हंगामा किया। एक समर्थक ने आत्मदाह करने का भी प्रयास किया, जिसे हिरासत में ले लिया गया है। मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। मुलायम ने शुक्रवार शाम को सीएम अखिलेश यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाले जाने का ऐलान किया। इसके बाद अखिलेश समर्थक ने जमकर नारेबाजी की. 'जय अखिलेश' के नारे लगाए। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पोस्टर फाड़कर अपने गुस्से का इजहार किया। अखिलेश व रामगोपाल को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निकाला गया है। इस दौरान विधायकों व नेताओं का मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना जारी है। लगभग 100 से अधिक विधायक और कई मंत्री मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. लखनऊ में शुक्रवार को सपा दो टुकड़ों में बंट गई। अखिलेश यादव और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री के प्रशंसक जमकर हंगामा कर रहे हैं। अखिलेश के नाराज समर्थक में से एक ने आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तत्काल मौके से हिरासत में ले लिया। मुख्यमंत्री आवास के बाहर एक समर्थक ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की है।

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