लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रही घमासान में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह घोषणा मुलायम सिंह यादव ने पत्रकार वार्ता में की। इससे पहले पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उनसे पूछा था कि क्यों न अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए। लेकिन कारण बताओ नोटिस का जबाब मिलने से पहले ही दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। अब पार्टी का विभाजन तय माना जा रहा है।उधर रामगोपाल ने एक जनवरी को सुबह 11 बजे सपा का राष्ट्रीय आपातकालीन सम्मेलन बुलाया है।पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि 'ये निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है। बिना पक्ष सुने कार्रवाई नहीं की जा सकती। सम्मेलन तो बुलाया ही जाएगा। नेताजी (मुलायम सिंह) को पार्टी का संविधान मालूम नहीं है। इस पार्टी में लगातार शीर्ष स्तर से असंवैधानिक काम हो रहे हैं। अगर पार्टी का अध्यक्ष असंवैधानिक काम करे तो फिर सम्मेलन कौन बुलाएगा? एक भी मीटिंग नहीं हुई तो फिर कैसे पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए गए। पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग पर सम्मेलन बुलाया गया।
गौरतलब है कि अखिलेश ने कल 235 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना है। इससे पहले रामगोपाल यादव ने सपा में मचे घमासान पर कहा है कि पार्टी का एक आदमी सपा में पूरे विवाद की जड़ है। हालांकि उस नेता की हैसियत 10 वोट दिलाने की भी नहीं है। रामगोपाल ने खुलकर अखिलेश की तरफदारी करते हुए कहा कि वह अगले 10 सालों में देश के सबसे बड़े नेता होंगे। उधर, सियासी शतरंज पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बड़ा दांव खेल रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है। वहीं, शिवपाल यादव ने आज मुलायम सिंह से मुलाकात की। इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने जिन 395 उम्मीदवारों को टिकट दिया है उनको शनिवार सुबह 10.30 बजे बैठक के लिए बुलाया है। इसके साथ ही इसे अखिलेश यादव के कथित लिस्ट जारी करने के बाद शक्ति परीक्षण के रूप में भी देखा जा रहा है और सपा में जारी घमासान के बीच दोनों धड़ों में इसे वर्चस्व की जंग माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अपने कई करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने गुरुवार को 235 उम्मीदवारों की एक नई लिस्ट जारी कर दी, जिनमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, पवन पांडे, राम गोविंद चौधरी का नाम हैं। ये उन लोगों के नाम हैं जिनके टिकट मुलायम सिंह यादव ने काट दिए थे हालांकि अखिलेश यादव की ओर से अभी इस लिस्ट की पुष्टि नहीं की गई है और न ही इस पर उनके दस्तखत हैं। इसके तुरंत बाद मुलायम ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है। इस लिस्ट में भी अखिलेश के कुछ समर्थकों का टिकट काट दिया गया है। इससे पहले गुरुवार को अखिलेश यादव के समर्थक पूरे दिन 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के मुलायम सिंह के फैसले के खिलाफ अखिलेश के बंगले के बाहर नारेबाज़ी करते रहे। अखिलेश अपने समर्थकों के टिकटों की पैरवी के लिए मुलायम से मिलने पहुंचे, जहां मुलायम अखिलेश और शिवपाल में घंटों मीटिंग चली, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। बाद में अखिलेश ने अपने करीबी मंत्रियों, विधायकों के साथ मुलाक़ात कर उनका साथ देने का भरोसा दिया। टिकट बंटवारे को लेकर शिवपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि टिकट बंटवारे में सभी की राय शामिल हैं। सभी से राय लेने के बाद फैसला किया गया। जीतने वाले प्रत्याशी की पहचान की गई। लिस्ट नेताजी ने रखी है तो उन्हें सुझाव दे सकते हैं। शिवपाल ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव की उपेक्षा नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री नेताजी को अपनी राय दे सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को टिकट देने की कोशिश की गई। सीएम की राय पर विचार और लिस्ट बदलना मुश्किल है। साफ सुथरी छवि और जीतने वालों को प्राथमिकता दी गई है. जल्द ही बाकी उम्मीदवारों की लिस्ट भी सामने आएगी।