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लखनऊ: यूपी पुलिस ने सोमवार को लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कई दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास तक मार्च करने की योजना बनाई थी, जिसकी उन्हें इजाजत नहीं मिली हुई थी। गिरफ्तार किए गए दलित कार्यकर्ताओं में शामिल रमेश दीक्षित, राम कुमार और रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट एसआर दारापुरी ने बताया कि उन्होंने 'दलितों के उत्पीड़न' पर चर्चा के वास्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। दारापुरी ने कहा कि झांसी में रविवार को करीब 50 दलितों को लखनऊ आने से रोक दिया गया। ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे और उन्हें एक विशाल साबुन की टिकिया भेंट करना चाहते थे। यह समूह गुजरात के अहमदाबाद से आ रहा था और वे अपने साथ 125 किलो के साबुन की टिकिया यूपी के सीएम को देना चाहते थे। गौरतलब है कि मई महीने में यूपी के कुशीनगर जिले के अनुसूचित जाति के लोगों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले स्थानीय प्रशासन ने उन्हें साबुन और शैंपू दिए थे।

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव इस बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार वह किसी और को लेकर नहीं, बल्कि अपने घर की बहू अपर्णा यादव के कारण सुर्खियों में हैं। दरअसल एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि उनके मुख्यमंत्री काल में उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के द्वारा गोशाला और गोरक्षा संगठनों को दिए जाने वाले आर्थिक अनुदान का 86.4 फीसदी हिस्सा अपर्णा यादव की एनजीओ को दिया गया। अपर्णा मुलायम सिंह यादव की छोटी बेटे प्रतीक यादव की पत्‍नी हैं। आरटीआई एक्टिविस्‍ट नूतन ठाकुर ने अपर्णा यादव को मिलने वाली ग्रांट के मामले में जानकारी मांगी थी। नूतन ठाकुर का कहना है कि एनजीओ को दिए जाने वाले ग्रांट का 86 फीसदी एक ही एनजीओ को दिया गया। यह पूरा मामला अखिलेश यादव सरकार के समय का बताया जा रहा है। अपर्णा का यह एनजीओ राजधानी लखनऊ में अमौसी के निकट कान्हा उपवन गौशाला को चलाता है, जिसका मालिकाना हक लखनऊ नगर निगम के पास है। यह जानकारी गोसेवा आयोग के पीआईओ संजय यादव के द्वारा दिए गए एक आरटीआई के जवाब से सामने आई है।

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आंदोलन अगले सप्ताह पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा के बाद तेजी पकड़ सकता है। संत मंदिर आंदोलन को तेज करने के लिए सीतापुर स्थित नारदानन्द आश्रम में एकत्र होकर कार्ययोजना तैयार करेंगे। नारदानन्द आश्रम के प्रमुख स्वामी विद्या चैतन्य महाराज ने बताया कि उत्तर प्रदेश तथा आसपास के राज्यों के विभिन्न अखाड़ों के संत आश्रम में एकत्र होंगे और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निमार्ण के रास्तों के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा आगामी नौ जुलाई को है। इसी दिन से हम राम मंदिर निमार्ण के लिये ना सिर्फ संतों का बल्कि आम लोगों का भी सहयोग जुटाने के लिए अभियान की शुरआत करेंगे। स्वामी चैतन्य ने गत 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा हमें विश्वास है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2019 से काफी पहले शुरू होगा। उन्होंने कहा कि नारदानन्द आश्रम में गुर पूणर्मिा की रस्में पूरी करने के बाद वह राम मंदिर निर्माण के समर्थन जुटाने के लिए मकसद से एक विशेष रथ से प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न आश्रमों का दौरा करेंगे।

वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार गांव, गरीब, किसान और नौजवान के लिए कार्य कर ही है। बिना किसी भेदभाव के सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रविवार को जगतपुर इंटर कॉलेज में अपना दल की ओर से आयोजित जन स्वाभिमान रैली को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन अपना दल के संस्थापक स्व. डॉ. सोनेलाल पटेल की 68वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई जातिवाद के सहारे नहीं लड़ाई जा सकती है। प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करेगी लेकिन किसी का तुष्टिकरण नहीं करेगी। समाजिक न्याय की लड़ाई को व्यवहारिक धरातल पर लड़ना होगा। पहले बिजली 75 में से पांच जिलों को मिलती थी। आज सभी 75 जिलों को मिल रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने 100 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं।

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