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प्रयागराज: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने उनके ट्रांसफर पर कड़ा एतराज जताया है। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं भेजने की अपील की है, बार एसोसिएशन ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई कूड़ादान नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों को यहां न्याय देने के लिए भेजा जाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने मांग की है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर ना किया जाए। उन्हें तब तक न्यायिक कार्य से अलग रखा जाए, जब तक उनके खिलाफ जांच पूरी ना हो जाए। वहीं बार एसोसिएशन ने इस मामले में 24 मार्च को जनरल हाउस की बैठक भी बुलाई है।

बार एसोसिएशन का कहना है कि जनरल हाउस की बैठक में इस मुद्दे को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बार एसोसिएशन ने इस बारे में चार पन्ने का एक पत्र भी जारी किया है।

प्रयागराज: कासगंज में नाबालिग बच्ची के साथ हुई घटना पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने रेप के प्रयास और अपराध की तैयारी के बीच के अंतर को सही तरीके से समझने की जरूरत बताते हुए कहा है कि 'पीड़िता के स्तनों को पकड़ना, उसके पजामे का नाड़ा तोड़ना, उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना रेप या रेप के प्रयास के अंतर्गत नहीं आता है। यह गंभीर यौन हमला है।' हाई कोर्ट ने निचली अदालत से जारी सम्मन आदेश को संशोधित करते हुए निर्देश दिया है कि आरोपियों के खिलाफ संशोधित धाराओं के तहत नया सम्मन आदेश जारी करें।

बताया जा रहा कि नवंबर 2021 में कासगंज के पटियाली थानाक्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया कि 10 नवंबर 2021 की शाम जब वह अपनी 14 साल की नाबालिग बेटी के साथ ननद के घर से लौट रही थी। तभी गांव के रहने वाले पवन और आकाश ने उसकी नाबालिग बेटी को बाइक से घर छोड़ने के पेशकश की, भरोसा कर बेटी को बाइक पर बैठने दिया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सौर उद्योग में अनियमितता की शिकायत पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के निलंबन पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि इस भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव अधिकारी नहीं कोई और है।

सपा प्रमुख ने शुक्रवार सुबह अपने एक पोस्ट में कहा, “यह है उत्तर प्रदेश में कारोबार सुगमता का सच, जहां औद्योगिक विकास के नाम पर खुलेआम कमीशन मांगा जा रहा है और बात खुल जाने पर निलंबन का नाटक रचा जा रहा है।” उन्होंने इसी पोस्ट में दावा किया,“इस भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव अधिकारी नहीं कोई और है।

अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक प्रकाश को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों में बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि इसी मामले में शामिल निकंत जैन नामक एक बिचौलिए को गिरफ्तार भी किया गया है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर धार्मिक स्थलों को खतरे में डालने एवं सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए संभल तथा औरंगजेब जैसे मुद्दे उछालती है।

 राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गयी है: अखिलेश यादव 

यादव ने यहां रोज़ा इफ्तार के बाद पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने के साथ ही स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाएं बर्बाद है, लेकिन भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए संभल और औरंगजेब जैसे मुद्दे उछालती है।

सपा मुख्‍यालय से जारी एक बयान के अनुसार यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गयी है, हत्या, लूट और अपराध चरम पर है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता के संरक्षण में दबंगों, अराजकतत्वों और अपराधियों के हौसले बढ़े हुए है।

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