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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर लिया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह ने इस बाबत सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन 17 पिछड़ी जातियों को अब हर जिले में अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र जारी किए जाएं। यह जातियां हैं-कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम,तुरहा, गोड़िया, माझी और मछुआ। प्रदेश सरकार ने यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका पर दिए गए आदेश के बाद किया गया है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश के अंतिम फैसले के अधीन होगी। प्रदेश की यह सत्रह पिछड़ी जातियां लंबे अरसे मांग कर रही थीं कि उन्हें एससी में शामिल किया जाए।

लखनऊ: पिछले साल हुई यूपी के बुलंदशहर हिंसा मामले में बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले साल हुई हिंसा के मामले में अब आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगा दी गई है। बुलंदशहर हिंसा मामले में योगी सरकार ने करीब 44 आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह की धारा लगाने की मंजूरी दे दी है। पुलिस ने इसे कोर्ट में पेश कर दिया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है। गौरतलब है कि पिछले साल यानी 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के शक में हिंसा हुई थी, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी।

बुलंदशहर हिंसा मामले में जांच अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने कहा कि मुझे प्रशासन से 44 आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की अनुमति मिल गई है। आज मुझे स्वीकृति पत्र मिला है, जिसे कोर्ट में जमा कर दिया गया है। पुलिस ने इस केस को लेकर 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। दरअसल, पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर में गोकशी की सूचना मिलने पर भीड़ उग्र हो गई थी। सूचना पर भीड़ पुलिस चौकी चिंगरावठी क्षेत्र में पहुंची थी। कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्राली में अवशेष लेकर आए थे और चौकी पर पथराव कर दिया था।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी अफसरों को सबेरे नौ बजे तक हर हाल में कार्यालय में पहुंचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी अफसर तत्काल प्रभाव से इसका पालन करें। ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाएगी। उनका वेतन भी काटा जा सकता है।

मुख्यमंत्री के इन निर्देशों की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकृत टि्वटर एकाउंट पर ट्वीट करके दी गई है। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री काफी सख्त तेवर दिखा रहे हैं। वे दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की छटंनी के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दागी पुलिस कर्मियों के प्रति भी कड़ाई दिखाई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दागी पुलिस कर्मियों को जबरिया सेवा से रिटायर किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के सख्त तेवर देखकर पुलिस महकमे के साथ ही शासन के कामकाज के मुख्यालय सचिवालय में भी दागी चिन्हित कर लिए गए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

पीलीभीत: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने बुधवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती पर उनके मार्गदर्शक और पार्टी के संस्थापक कांशीराम द्वारा शुरू किए गए सामाजिक न्याय आंदोलन को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया है। मायावती चंद्रशेखर की हमेशा आलोचना करती रही हैं। उन्होंने चंद्रशेखर को भाजपा की बी टीम तक कहा लेकिन, ऐसा पहली बार है जब भीम आर्मी प्रमुख ने बसपा अध्यक्ष पर हमला बोला है। चंद्रशेखर ने यहां पत्रकारों से कहा कि मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन तोड़कर बहुजन आंदोलन को कमजोर कर दिया है।

उन्होंने कहा, “यह फैसला उन कमजोर वर्ग के लोगों के पक्ष में नहीं है, जिन्हें इस गठबंधन से मजबूती मिली थी।” चंद्रशेखर ने कहा कि बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत खो दी है। भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, “जब उन्होंने सपा के साथ गठबंधन की घोषणा की, तो बसपा कार्यकतार्ओं ने खुद को आश्वस्त किया कि पार्टी आगे बढ़ेगी, लेकिन तभी उन्होंने गठबंधन तोड़ कर सभी को निराश कर दिया।”

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