आगरा: आगरा में जनता कर्फ्यू के दौरान सन्नाटा पसरा रहा, लेकिन लॉकडाउन के पहले दिन सोमवार सुबह से ही लोग घरों से बाहर निकल आए। जरूरी सामान खरीदने के बहाने बाजार में उमड़े लोगों को घर भेजने के लिए पुलिस को कमान संभालनी पड़ी। स्थिति देख जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने आदेश जारी किया है कि मंगलवार से बगैर जरूरी काम से घर से निकलने वाले लोगों को गिरफ्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेजा जाएगा। उन पर धारा 188 के तहत केस दर्ज होगा। एसएसपी बबलू कुमार ने इसका पालन कराने के लिए पुलिस के साथ पीएसी को भी तैनात कर दिया है।
शहर में 122 जगह बैरियर लगाए गए हैं। 108 स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है। सेक्टर स्कीम सोमवार से ही लागू कर दी गई थी लेकिन लोग जरूरी सामान का बहाना बनाकर निकलते रहे। दोपहर को पुलिस ने चेकिंग शुरू की। कई लोग ऐसे मिले तो जो झूठ बोल रहे थे। पेट्रोल पंपों पर भीड़ लग गई थी। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि जरूरी चीजों की आड़ में कुछ जगह गुटखे और चाय की दुकानें खुल गई थीं। पुलिस ने शहर में इस तरह की 150 दुकानों को बंद कराया।
एसएसपी बबलू कुमार ने निर्देश दिए हैं कि ट्रैफिक पुलिस यह भी देखे कि बाइकों पर दो से ज्यादा लोग न जा रहे हों। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के चालान किए जाएं।
लोग नहीं माने तो सख्ती और बढ़ाई जाएगी: डीएम
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने अपील की है कि लोग घरों में रहे। सड़क पर आने वाले लोगों की संख्या जैसे जैसे बढ़ेगी, वैसे वैसे सख्ती बढ़ाई जाएगी। सीसीटीवी के कंट्रोल रूम के कैमरों से भी सड़कों की निगरानी की जा रही है। लोगों ने जैसे जनता कर्फ्यू में संयम दिखाया, वैसे ही कुछ और दिन दिखाना होगा। वायरस की चेन को रोकने के लिए घर में रहना जरूरी है।
सुबह पांच से आठ तक ही बांट सकेंगे दूध
दूध बांटने वाले लोगों को लॉकडाउन के प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। इस कारण ये लोग दोपहर तक भी सड़कों पर रहे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इन सभी दुग्ध वितरण का काम सुबह पांच से आठ बजे तक खत्म करना है। इन्हें प्रतिबंध से मुक्ति इन तीन घंटों के लिए ही दी गई है।