लखनऊ: पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता द्वारा ब्लैकमेल करने के आरोप वाले मुकदमे की सुनवाई शाहजहांपुर से लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के अवकाश पर होने के चलते मामले को सुनवाई के लिए एडीजे डॉ. अवनीश कुमार के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख तय की। इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश से दोनों मामलों की फाइलें शाहजहांपुर से लाकर राजधानी की विशेष अदालत में रिसीव कराई गईं जहां बुधवार को सुनवाई की तारीख तय थी। दुराचार के मामले में आरोपी चिन्मयानंद हाजिर नहीं हुए। उनकी ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
दुराचार मामले में चिन्मयानंद की जमानत अर्जी की सुनवाई 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से आपत्ति करते हुए कहा गया कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत तो दे दी, लेकिन शाहजहांपुर एडीजे तृतीय की अदालत में चल रहे दोनों मामलों को लखनऊ स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
इनमें एक चिन्मयानंद के खिलाफ दुराचार का मामला है। दूसरा मामला चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग का है, जिसमें पीड़िता, उसके तीन साथी और डीसीबी के चेयरमैन डीपीएस राठौर के साथ ही भाजयुमो नेता अजीत सिंह आरोपी है।