नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली विधानसभा चुनाव में आए परिणाम को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा और कहा कि दिल्ली के नतीजे, धर्म जैसे व्यक्तिगत विषय को राजनीति के पंक में घसीटकर अपना सियासी फूल खिलाने वालों के खिलाफ हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि 'काम बोलता है।' अखिलेश ने कहा कि "दिल्ली के नतीजे बता रहे हैं कि अधिकांश भारतीय आज भी सामाजिक रूप से उदार व राजनीतिक रूप से समझदार हैं और धर्म जैसे व्यक्तिगत विषय को राजनीति के पंक(दलदल) में घसीटकर अपना सियासी फूल खिलानेवालों के खिलाफ हैं। यह देश की शांति व विकास के लिए शुभ संकेत और स्वस्थ संदेश भी है। उन्होंने कहा कि काम बोलता है।"
संसद भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पिछले चुनाव में काम बोलता है, नारे पर सांप्रदायिकता हावी हो गई थी। लेकिन दिल्ली के चुनाव से साफ संकेत है कि अब जनता लोगों को लड़ाने वाली राजनीति को स्वीकार नही करेगी। उन्होंने कहा कि "दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने पर आम आदमी पार्टी और उनके नेता अरविंद केजरीवाल जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा पर सांप्रदायिक धुव्रीकरण की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी यह आप कार्यकर्ताओं की कड़ी मेनहत का परिणाम है। साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को भटकाने की कोशिश की गई लेकिन वह विकास के मुद्दों पर बने रहे, यही उनकी सबसे बड़ी जीत है। दिल्ली के समस्त मतदाताओं को नई सरकार की बधाई।"
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां भी चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं। वहां भाजपा का यही हश्र होता है। उन्होंने सूबे में अपने मुख्यमंत्रित्व काल क़े फैसलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जनता काम का हिसाब मांगेगी।
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब शून्य है, तब उस पर क्या टिप्पणी करनी है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस ने दिल्ली में ज़्यादा ताकत नही लगाईं, उनके स्टार प्रचारकों ने आखिरी समय में रस्म अदायगी की। क्या आप चाहेंगे कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही भूमिका अदा करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की क्या रणनीति थी और भविष्य में क्या होगी, यह तो उसका नेतृत्व ही बता सकता है। जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है, वहां समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी मतगणना में आम आदमी पार्टी 62 सीटों पर जीती की है। भाजपा आठ सीटों तक पहुंचने में सफल रही है। जबकि कांग्रेस को खाली हाथ संतोष करना पड़ा है।