अलीगढ़: नागरिकता कानून के विरोध में शाहजमाल ईदगाह के बाहर चल रहा धरना 11वें दिन भी जा रहा। धरनास्थल पर दोपहर में नमाज और कुरान ख्वानी के बाद दुआ कराई गई। इसके बाद दिल्ली में केंद्र सरकार को आइना दिखाने, सीएए वापस होने तक डटे रहने के साथ आजादी के नारे लगाए गए। देहलीगेट के शाहजमाल ईदगाह के बाहर 29 जनवरी से धरना चल रहा है। शनिवार (8 फरवरी) को तकरीबन 300 महिलाएं यहां धरने पर बैठी रहीं। दोपहर में नमाज के बाद महिलाओं ने नारेबाजी करके सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आवाज उठाई।
काफी देर तक नारेबाजी के बाद कुछ महिलाओं ने दिल्ली चुनाव में केंद्र सरकार को आइना दिखाने की बात कही। रुक-रुककर नारेबाजी का ये सिलसिला आधीरात तक चलता रहा। यहां कुछ एएमयू की छात्राओं ने भी तकरीर के जरिए महिलाओं को सीएए वापस होने तक डटे रहने और आमजन से धरने को सहयोग करने की अपील की। सुरक्षा के लिहाज से देहली गेट समेत कई थानों की पुलिस के अलावा पीएसी और दोपहर बाद आरएएफ को भी तैनात कर दिया गया।
वहीं दूसरी ओर, एएमयू में नागरिकता कानून के विरोध में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने शनिवार (8 फरवरी) को संविधान मार्च निकाला। मार्च सेंट्रल कैंटीन से विभिन्न मार्गों पर होते हुए बाब ए सैयद गेट पहुंचकर संपन्न हुआ।
एएमयू में सीएए लागू होने से पहले ही इसका विरोध शुरू हो चुका था। इस बीच जामिया में हुए बवाल में दो छात्रों की मौत की अफवाह पर एएमयू में 15 दिसंबर को बवाल भी हो गया था। जिसके बाद इंतजामिया ने मौजूदा हालातों को देखते हुए छात्रावास खाली करा लिए थे। करीब एक माह तक विश्वविद्यालय बंद रहा था। विश्वविद्यालय खुलने के बाद भी छात्र-छात्राओं का आक्रोश थमा नहीं है।