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गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीएचयू की घटना में छात्र-छात्राओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे लेकिन अराजकता फैलाने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी। लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कुलपतियों से कहा कि वे छात्रों के साथ संवाद बढ़ाएं।

पांच दिवसीय प्रवास पर मंगलवार को यहां आए मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाराणसी के कमिश्नर एवं डीएम को बीएचयू की घटना की प्राथमिक जांच सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर एक-एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी एसपी और थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। वहां पत्रकारों पर लाठीचार्ज की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को इस बात की सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी छात्र-छात्रा को परेशान न किया जाए। उन्होंने बीएचयू के छात्रों से अपील की कि वे दशहरा बाद आएं।

उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। हां, आगजनी करने वाले बाहरी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रशासन असामाजिक तत्वों का पता लगाए। उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा।

संवाद से संघर्ष टाला जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे छात्र-छात्राओं से संवाद बढ़ाएं। छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन उनके साथ संवाद नहीं बना पाए तो यह असहज करने वाली स्थिति होगी। गुरु-शिष्य का भाव तो हमेशा होना चाहिए। कुलपति हो या विश्वविद्यालय के प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य या आचार्य, अपने ही शिष्यों के साथ संवाद बनाने और उनसे जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में क्या कठिनाई है? मुझे लगता है कि संवाद से बड़ी से बड़ी समस्याएं और संघर्ष टाले जा सकते हैं।

विपक्ष मुद्दा विहीन

योगी ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार के विकास के मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए छोटे-छोटे मुद्दों को तूल दे रहा है। मुद्दाविहीन विपक्ष से इससे ज्यादा आशा भी नहीं की जा सकती है।

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