ताज़ा खबरें
विज को बीजेपी ने भेजा कारण बताओ नोटिस: मांगा तीन दिन में जवाब
जितनी जल्दी संभव हो,केंद्र सरकार कराएं जाति जनगणना: सोनिया गांधी

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा और मोदी के पेट्रोल के बढ़े दामों पर दी गई सफाई को दरकिनार कर दिया है। भाजपा समर्थकों की पेट्रोल की कीमतों में हुई बेतहशा वृद्धि की वजहों को अस्वीकार कर दिया है। अखिलेश ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर एक ट्वीट के जरिए सवाल दागा है।

अखिलेश यादव ने आज एक ट्वीट कर केंद्र सरकार के पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाने पर कहा है कि अगर पेट्रोल के दाम बढ़ाना गरीबों के हित के लिए है, तो गैस की सब्सिडी क्यों खत्म की जा रही है। उन्होंने पूछा है कि क्या टूव्हीलर की तरह क्या गैस सिलेंडर वाले भी अमीर हैं।

बता दें कि मोदी सरकार में मंत्री केजे अल्फोंस ने एक ऐसा बयान दिया था जिससे सरकार की काफी किरकिरी हुई। तमाम राजनीतिक दलों से लेकर कई सामाजिक लोगों ने उनके बयान की निंदा की। उनके बयान को असंवेदनशील बताया गया। पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों को उन्होंने सही ठहराया था। त्रिवेंद्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कार और बाइक चलाने वाले ही पेट्रोल खरीदते हैं, पेट्रोल खरीदने वाले भूखे तो नहीं मर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फ़ैसला सोच समझकर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग टैक्स दे सकते हैं, उन्हें टैक्स देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि देशभर में पेट्रोल की कीमतें तीन साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। कहीं- कहीं तो ये 81 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गई है।

ध्यान देने वाली बात है कि पेट्रोल की कीमतों में तेज़ी का एक बड़ा कारण केंद्र सरकार का एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाना है। साथ ही राज्यों द्वारा पेट्रो पदार्थों पर ज़्यादा वैट वसूलने से भी कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कमी के समय केंद्र सरकार ने लागातार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई थी और इसमें अब तक कमी नहीं आई है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। मुंबई में तो पेट्रोल के दाम बुधवार को करीब 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया।

मोदी सरकार के आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 53 फीसदी तक कम हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम घटने की बजाय बेतहाशा बढ़ गए हैं। मोटे अनुमान के अनुसार पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपये लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपये हो गई है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख