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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में भर्तियों में अनियमितता के मामले में भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को पत्र लिखकर विधानसभा में हुई विवादित भर्तियों की जांच कराकर, अनियमितता पाए जाने पर ऐसी सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का अनुरोध किया है।

उधर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा हाईकमान के समक्ष अपने कार्यकाल में हुई नियुक्तियों को लेकर अपना पक्ष रख सकते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा संगठन प्रेम चंद अग्रवाल पर कोई निर्णय ले सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर सख्ती से कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री के रूप में धामी की छवि बेदाग रही है, लिहाजा तय माना जा रहा था कि विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी को लेकर वह जल्द सख्त कदम उठाएंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा पत्र

गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा। इसमें मुख्यमंत्री ने कहा है कि विधानसभा एक गरिमामयी स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है। इस संस्था की गरिमा बनाए रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने अपने पत्र में उच्च स्तरीय जांच कराकर विवादित सभी नियुक्तियों को निरस्त करने के साथ ही विधानसभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्रविधान करने का अनुरोध किया है।

भाजपा हाईकमान ने भी लिया संज्ञान

इस प्रकरण का भाजपा हाईकमान ने भी संज्ञान लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम स्वयं इस प्रकरण पर नजर रख रहे हैं। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर पूरी जानकारी ली जा रही है।

पिछली विधानसभा के अध्यक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल शुक्रवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान ने भर्ती प्रकरण पर अग्रवाल को कहा है कि वह दिल्ली में शुक्रवार को अपना पक्ष रखें। इसके बाद पार्टी कोई सख्त और निर्णायक कदम उठा सकती है।

यद्यपि, प्रेम चंद अग्रवाल ने गुरुवार को जागरण से बातचीत में इस बात से इनकार किया कि उन्हें हाईकमान ने दिल्ली तलब किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा भर्ती की किसी भी तरह की जांच के लिए कह चुके हैं और वह भी इसके पक्षधर हैं।

विवादित 72 नियुक्तियों को किया जा सकता निरस्त

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछली विधानसभा में हुई विवादित 72 नियुक्तियों को निरस्त किया जा सकता है। इसके अलावा उच्च स्तर पर हुई कुछ पदोन्नतियां भी विवादों के घेरे में हैं। इनमें अधिकारियों को अत्यंत कम अवधि में कई पदोन्नति दिया जाना भी शामिल है।

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