ताज़ा खबरें
जिस हॉस्पिटल से बच्चा चोरी हो, उसका लाइसेंस रद्द करो: सुप्रीम कोर्ट
गड़े मुर्दे मत उखाड़ो भारी पड़ेगा, हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ: सुमन
बंगाल में मालदा और मुर्शिदाबाद के बाद अब सिलीगुड़ी में भड़की हिंसा
प्रयागराज में दलित को जिंदा जलाकर मारा, कानून व्यवस्था ध्वस्त: राय
बाबासाहेब को हराने के लिए बीजेपी के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे: खड़गे
बाबा साहेब को कांग्रेस ने अपमानित किया, दो बार हरवाया: पीएम मोदी

देहरादून: कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आज (शनिवार, 18 सितंबर) से शुरू हो रही है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को राज्य सरकार ने कोविड-19 संबंधी नियमों के सख्त अनुपालन के साथ विस्तृत मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी किया है।

उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं. लेकिन इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई। उच्च न्यायालय के श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देशों के मद्देनजर एसओपी में बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई है।

एसओपी) के मुताबिक, चारधाम यात्रा पर आए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर कोविड निगेटिव रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाण-पत्र पेश करना अनिवार्य है। इसके अलावा, कोरोना की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों (केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश) से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना मुक्त जांच रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य होगा।

इसके अलावा राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा और उसी वक्त उन्हें कोविड मुक्त रिपोर्ट या टीकाकरण का प्रमाण-पत्र अपलोड करना होगा। बच्चों, बीमार लोगों और अति वृद्धों को यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश‌ करेंगे। मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर मनाही होगी।

देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि तीर्थ यात्री सामाजिक दूरी के साथ पूजा में शामिल हो सकेंगे। लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पवित्र कुंड में भी श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यात्रा मार्ग पर कई चेकपोस्ट लगाए गए हैं, ताकि प्रतिबंधों का अनुपालन सही तरीके से हो सके।

केदारनाथ के कपाट 17 मई, बदरीनाथ के कपाट 18 मई, यमुनोत्री के 14 मई तथा गंगोत्री के 15 मई को कपाट खुले थे, लेकिन श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं थी। अक्टूबर—नवंबर में चारधाम यात्रा के समापन से पहले अभी भी चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ से दो महीने का समय शेष है।

इस बीच, मुख्य सचिव एसएस संधु ने शुक्रवार को केदारनाथ का दौरा किया और हिमालयी धाम की सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए अधिकारियों को पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। संधु ने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की और उन्हें गुणवत्ता के साथ तेजी से करने के निर्देश दिए।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख