मसूरी: देश के प्रतिष्ठित संस्थान लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में कोरोना के 33 मामले सामने आए हैं। इनमें अधिकतर ट्रेनी ऑफिसर शामिल हैं। अकादमी के पांच आवासीय क्षेत्रों को स्थानीय प्रशासन ने 14 दिन के लिए कंटेनमेंट जोन बना दिया। साथ ही 48 घंटे के लिए पूरी अकादमी को बंद कर दिया गया है। फिलहाल सभी ट्रेनी आफिसर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे।
एलबीएस अकादमी मसूरी में बड़ी संख्या मे कोरोना के मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। अगले 48 घंटे के दौरान अकादमी को बंद रखकर सैनिटाइज किया जाएगा। इस दौरान अकादमी में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। एलबीएस अकादमी के निदेशक डा. संजीव चौपड़ा ने बताया कि कंटेनमेंट जोन के नियमों का पालन किया जा रहा है। ट्रेनी अधिकारियों की पढ़ाई शुक्रवार से ही ऑनलाइन शुरू कर दी गई है। सभी ट्रेनी ऑफिसर अपने कमरे में ही रहेगें। सभी को खाना कमरे में ही उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं, एसडीएम मसूरी मनीष कुमार ने बताया कि एलबीएस अकादमी में पांच कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि एलबीएस अकादमी के आवासीय परिसर नर्मदा, कावेरी, गोदावरी, हैप्पी वैली, व्यू सिल्वर वुड को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।
इसके साथ ही संक्रमित मिले मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 150 लोगों के टेस्ट किए गए हैं। अकादमी में करीब चार सौ ट्रेनी ऑफिसर है। इन सभी के टेस्ट किए जाएंगे। उन्होने संक्रमित पाए गए ट्रेनी अधिकारियों को अकादमी के इंदिरा भवन में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में रखा गया है।
पिथौरागढ़ अस्पताल की लापरवाही से कोरोना संक्रमित दो लोगों की मौत
पिथौरागढ़ में यहां के बैंक रोड स्थित एक निजी अस्पताल ने कोरोना टेस्ट कराए बगैर दो मरीजों का कई दिन इलाज किया। हालत गंभीर होने पर दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में दोनों मरीजों की एंटिजन जांच की गई। मंगलवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के आधे घंटे बाद ही एक मरीज की मौत हो गई। बुधवार को दूसरे मरीज ने भी दम तोड़ दिया।
सीएमओ डॉ. एचसी पंत, सीएमओ ने बताया कि मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को निजी अस्पताल को सील कर दिया है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल प्रबंधन मरीजों का उपचार करता रहा और उनकी कोरोना जांच नहीं कराई। जब दोनों मरीजों की हालत गंभीर हो गई तो निजी अस्पताल ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
डॉ.एचसी पंत ने कहा, जिले में कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्तियों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट होनी है। ऐसे में उपचार का ब्योरा लिया जाना जरूरी है। निजी अस्पताल प्रबंधन से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को दिए गए उपचार की रिपोर्ट जांच कमेटी को देने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी अस्पताल में इस तरह के गंभीर मरीज आते हैं तो उनकी कोरोना जांच करानी जरूरी है। लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।