माना पोस्ट: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि चीन-भारत सीमा विवाद ‘‘ढांचागत संवाद’’ और सकारात्मक दृष्टिकोण से सुलझाया जा सकता है। सिंह ने यह टिप्पणी उत्तराखंड में एक अग्रिम चौकी का दौरा करने के दौरान की जहां वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों से मिले। सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में हालिया गतिरोध के सुलझने के बाद चीन सीमा का किसी वरिष्ठ मंत्री का यह पहला दौरा है।
राजनाथ ने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा को लेकर लंबे समय से ‘‘अवधारणागत मतभेद’’ रहा है और उन्हें विश्वास है कि समय के साथ यह मुद्दा ‘‘सुलझ’’ जाएगा। गृहमंत्री ने 14,311 फुट की ऊंचाई पर स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) चौकी पर कहा कि चीन के साथ हमारा ढांचागत संवाद होने पर मुद्दे का समाधान होगा। हमें सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। राजनाथ ने कहा कि इसी तरह डोकलाम विवाद का समाधान बिना किसी टकराव के निकल गया।
आईटीबीपी की माना पोस्ट उत्तराखंड के चमोली जिले में अर्द्धसैनिक बल के अंतिम बटालियन केंद्र के रूप में स्थित है। आईटीबीपी भारत और चीन के बीच वास्तिवक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देश की सीमाओं की हिफाजत करती है।
सीमावर्ती चौकी में सैनिक सम्मेलन के दौरान जवानों के साथ संवाद में राजनाथ ने यह घोषणा भी की कि आईटीबीपी के जवानों को सर्दियों के लिए तथा अत्यधिक ठंडे मौसम का सामना करने के लिए हल्के वजन के कपड़े उपलब्ध कराए जाएंगे जो आमतौर पर नौ हजार फुट की ऊंचाई पर तैनात रहते हैं।
उन्होंने जवानों को आश्वस्त किया कि बेहतर पदोन्नति लाभ, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीनों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने और ढांचागत सुधार सहित अन्य सुविधा मुद्दों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा। राजनाथ सिंह ने इस बारे में चिंता जताई कि बल में कई पदोन्नतियों को प्रभाव में नहीं लाया जाता है। उन्होंने आईटीबीपी के महानिदेशक आरके प्रचंड से इस संबंध में अधिक कदम उठाने को कहा। बल ने हाल में विभिन्न रैंकों पर करीब 1,600 कर्मियों को पदोन्नत किया है।
राजनाथ ने जवानों से कहा, ‘हम अपने जवानों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। हमने हाल में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में लगभग 36,000 जवानों को पदोन्नत किया है, जिनमें 3,500 आईटीबीपी से हैं।’ आईटीबीपी में 90,000 कर्मी हैं जिन पर जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक पांच राज्यों में फैली 3,488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा की रखवाली का दायित्व है।