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बेंगलुरु: कार या टू-व्हीलर में टॉप स्पीड मारने की खुमारी किसी को भी परेशानी में डाल सकती है। यदि नहीं, तो ऐसे ट्रैफिक उल्लंघन का वीडियो साझा करना निश्चित तौर पर परेशानी का सबब बन जाएगा। हाल ही में, एक बाइकर को इसी तकलीफ से गुजरना पड़ा। एक बाइकर ने बेंगलुरु के एक फ्लाईओवर पर 1000सीसी मोटरसाइकिल पर सवार होकर खतरनाक स्पीड में खुद का एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में यामाहा आर 1 बाइक को 10-किलोमीटर लंबे फोर-लेन इलेक्ट्रॉनिक सिटी एलिवेटेड एक्सप्रेस वे, जो कि ई-सिटी फ्लाईओवर के नाम से ज्यादा मशहूर है... पर तेज गति से चलते हुए देखा जा सकता है।

बाइकर को दो लेन वाली सड़क पर काफी तेज स्पीड से खतरनाक तरीके से बाइक को चलाते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान उसी सड़क पर कई अन्य गाड़ियां और दोपहिया वाहन भी चल रहे हैं। इस बीच वह 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार में कुछ गाड़ियों को ओवरटेक भी करता है। इससे उसने अपने साथ ही दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल दिया था।

बंगलूरू: कर्नाटक के बंगलूरू में कोरोना वायरस का इलाज कर रहे सबसे बड़े अस्पताल में इटली से भी बुरे हालात हैं। यहां वेंटिलेटर पर मौजूद 97 फीसदी कोरोना मरीजों की मौत हो रही है। यह आंकड़ा इटली और दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना मृत्यु दर वाले देशों से भी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में 100 साल पुराने विक्टोरिया अस्पताल को बंगलूरू मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्स इंस्टीट्यूट (बीएमसीआरआई) से जोड़कर शहर का पहला कोरोना अस्पताल बनाया गया था। अस्पताल में अप्रैल से लेकर अबतक कोरोना से कुल 91 मरीजों की मौत हुई। चौंकाने वाली बात यह है कि मरने वाले 91 मरीजों में से 89 को वेंटिलेटर पर रखा गया था।

बंगलूरू मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अस्पताल में कुल 1500 कोरोना मरीज भर्ती किए गए इनमें 91 को सांस लेने में ज्यादा तकलीफ के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया था। इनमें से 89 मरीजों की मौत हो गई। बता दें कि बंगलुरू के सभी कोरोना अस्पतालों के मुकाबले विक्टोरिया अस्पताल में सबसे ज्यादा 50 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।

बेंगलुरु: कर्नाटक में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा है कि राज्य को केवल भगवान ही बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए जनता का सहयोग आवश्यक है। राज्य सरकार के कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में विफल रहने के कांग्रेस के आरोपों के बाद चित्रदुर्ग में बुधवार को मंत्री ने यह बयान दिया। मंत्री ने बाद में कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया।

श्रीरामुलु ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “बताइये यह (महामारी को नियंत्रित करने का) किसका काम है। केवल भगवान ही हमें बचा सकते हैं। लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना ही एकमात्र उपाय है। ऐसी स्थिति में, कांग्रेस के नेता राजनीति के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। यह किसी के लिए ठीक नहीं है।” श्रीरामुलु, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आरोपों का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि श्रीरामुलु और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर के बीच तालमेल न होने से राज्य सरकार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में विफल रही है।

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए बेंगलुरु शहरी और ग्रामीण जिलों में मंगलवार से लागू होने वाले लॉकडाउन की अवधि को एक सप्ताह से अधिक समय के लिए बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने लोगों से सहयोग करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। लॉकडाउन को 22 जुलाई से आगे बढ़ाने की अटकलें लगाई जा रही थीं जिसके बाद सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण दिया गया। कुछ मंत्रियों द्वारा ऐसे संकेत दिए जाने के कारण भी अफवाहों को बल मिल रहा था।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री ने कोविड कार्यबल की बैठक बुलाई। बेंगलुरु शहरी और ग्रामीण जिलों में एक सप्ताह के लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने लोगों से परेशान न होने, सहयोग करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।' पिछले कुछ हफ्तों में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए दोनों जिलों में मंगलवार की रात आठ बजे से 22 जुलाई सुबह पांच बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का फैसला लिया गया है।

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