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नई दिल्ली: कर्नाटक चुनाव में जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आते जा रही है वैसे ही राजनीतिक पार्टियों के बीच एक दूसरे पर टिप्पणी करने का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावी बयानबाजी तेज हो गई है। पीएम मोदी ने रविवार को कर्नाटक में अपनी रैली के दौरान कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर हमला बोला। हालांकि, पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का कभी नाम नहीं लिया।

पीएम मोदी ने रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस तो कर्नाटक को देश से अलग मानती है, तभी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अपने भाषण में कहा कि वो कर्नाटक की संप्रभुता की रक्षा करना चाहते हैं। क्या आपको पता है कि इसका मतलब क्या है? मैं आपको इसका मतलब बताता हूं। जब कोई देश आजाद होता है तो उसे संप्रभु कहा जाता है। यानी की कांग्रेस कर्नाटक को भारत से अलग मानती है।

पीएम ने आगे कहा कि क्या आपको ये मंजूर है। ऐसा कहने वाली कांग्रेस को सजा दोगे या नहीं दोगे। पीएम ने कहा कि कांग्रेस खुलकर कर्नाटक को भारत से अलग करने की वकालत कर रही है।

 उन्होंने कहा, टुकड़े-टुकड़े गैंग की बीमारी कांग्रेस में इतने ऊपर तक पहुंच जाएगी, ये मैंने कभी सोचा नहीं था। कांग्रेस के लोग ऐसे बयान देकर स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले लाखों कन्नडिगा का अपमान कर रही है। साथ ही करोड़ों कन्नडिगा का अपमान भी कर रही है।

"कांग्रेस डर गई है"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली के दौरान कांग्रेस पार्टी पर तंज करते हुए दावा किया कि ये पार्टी अब "डर गई" है और कर्नाटक चुनाव अभियान में जब उनका "झूठ अब काम नहीं आ रहा है" तो उन्होंने अपने सबसे वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को प्रचार में लाने का फैसला किया।

सोनिया गांधी ने कही थी ये बात

बता दें कि सोनिया गांधी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान रविवार को एक रैली में कहा था कि कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की 'आत्मा' से खेलने नहीं देगी। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा कि सीपीपी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने 6.5 करोड़ कन्नडिगों को एक कड़ा संदेश भेजा है। उन्होंने अपने कहा है कि कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देगी।

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