बेंगलुरु: वी नागराज उर्फ़ बम नागा और उसके दो बेटे गांधी और शास्त्री को बेंगलुरु पुलिस ने तमिलनाडु के अर्कोट से गुरुवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों पिछले तक़रीबन एक महीने से पुलिस को चकमा दे रहे थे। वी नागराज उर्फ़ बम नागा बेंगलुरु शहर के श्रीरामपुरा से कॉर्पोरेटर है और पिछले महीने यानी अप्रैल की 14 तारीख़ को पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा था। नागराज तो पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा लेकिन जब उसके घर की तलाशी ली गई तो वहां बने होम थिएटर में पुलिस को कई गुप्त चैंबर मिले जिसको खोलने में पुलिस को घंटों लग गए। पेशेवर ताला खोलने वाले को बुलाया गया जिसने काफी मजबूत तालों को बड़े बड़े हथौड़ों की मदद से तोड़ा और फिर पुलिस की आंखें चुंधिया गईं। बड़े बड़े बक्सों में 500 और 1000 रुपये के नोटों का इतना बड़ा स्टॉक जमा था कि नोट गिनने वाली तीन मशीनों की मदद लेनी पड़ी और गिनती का काम 5 घंटे के आस-पास एक मजिस्ट्रेट के सामने चला। 14 करोड़ 80 लाख रुपये के पुराने यानी डिमोनेटाइज़्ड करेंसी नोट्स मिले थे। दरअसल एक अपहरण और फिरौती के मामले में पुलिस ने दबिश दी थी। बम नागा ने अपने घर के चारों तरफ तक़रीबन आधे किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी का जाल बिछाया हुआ था, यानी उसे दूर से ही पता चल जाता था कि कौन उसके मोहल्ले में आया है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हेमंत निम्बालकर ने बताया कि बम नागा के ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। बेंगलुरु पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त हेमन्त निम्बालकर ने बताया कि तीनों को गुरुवार देर रात बेंगलुरु लाया जाएगा फिर अदालती करवाई के बाद जांच आगे बढ़ाई जाएगी। क्योंकि बम नागा ने हाल में कुछ टेप्स अपने गुप्त स्थान से जारी किए थे जिसमें आरोप लगाया था कि बरामद की गई रकम राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों की है। 2013 में बम नागा के ख़िलाफ़ गुंडा एक्ट भी लगाया गया था लेकिन हाई कोर्ट की मॉनिटरिंग समिति ने उसे गुंडा एक्ट से मुक्त कर दिया था।