उधमपुर (जम्मू कश्मीर): जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को उसी तरह से आतंकवाद की समस्या का समाधान करना चाहिए जैसे अन्य देश जो आतंकवाद के मुकाबले के लिए साथ आ रहे हैं। महबूबा ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों को आतंकवाद और युवाओं में अलगाव की भावना की समस्या का समाधान करना चाहिए। यदि हम इसी तरह से लड़ते रहे तो ये हमारे अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न करेगा।’ उन्होंने मुस्लिम देशों को आतंकवाद के सबसे अधिक पीड़ित बताते हुए कहा, ‘पूरे विश्व में देश नजदीक आ रहे हैं, आतंकवाद सभी देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर उभरा है। मुस्लिम देश आतंकवाद से सबसे अधिक पीड़ित हैं।’ उन्होंने शांति पहलों पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर उभरा है और ‘‘दुश्मनी पर खर्च की जाने वाली राशि का इस्तेमाल अच्छे उद्देश्य के लिए होना चाहिए।’ उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता बहाली का स्वागत किया। महबूबा ने कहा, ‘यह अच्छा है कि वार्ता फिर से बहाल हो गई है। आतंकवाद हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। देखिये सीरिया, लीबिया और पाकिस्तान में क्या हो रहा है।
पश्चिमी देशों में ऐसी समस्याएं नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह (आतंकवाद) एक वैश्विक चीज है। यह किसी क्षेत्र या किसी देश तक सीमित नहीं है, यह अब वैश्विक है। पाकिस्तान आतंकवादी धमाकों का सामना कर रहा है और वे आतंकवादियों के खात्मे के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सबक सीखना चाहिए और पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखने चाहिएं क्योंकि वह भारत से पहले ही तीन युद्ध हार चुका है। उन्होंने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले के बावजूद भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘बातचीत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री लाहौर गए थे जहां एक अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। उसके बाद दुर्भाग्य से पठानकोट हमला हो गया लेकिन उसके बावजूद वार्ता आगे हुई। हाल में भी बातचीत हुई।’