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चेन्नई: तमिलनाडु में राजनीतिक गतिरोध के बीच राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के दो दिन बाद अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आज (शनिवार) उनका समर्थन करने वाले विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड कराने के लिए सी विद्यासागर राव से समय मांगा है। शशिकला ने कहा कि उनका मानना है कि राज्यपाल संविधान की प्रभुसत्ता, लोकतंत्र और तमिलनाडु के हित को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करेंगे। राज्यपाल को लिखे पत्र में शशिकला ने कहा कि वह नौ फरवरी को उनसे अपने वरिष्ठ मंत्रियों से मिलीं थीं और उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा ताकि वह उन्हें उनको अपना नेता चुनने वाले पार्टी विधायकों का एक पत्र सौंप सकें। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के लिए बुलाने के वास्ते विस्तार से बताया था क्योंकि उनके पास पूर्ण बहुमत है। वास्तविक पत्र के साथ ही उन्हें अन्नाद्रमुक के विधायक दल का नेता चुनने वाले प्रस्ताव की वास्तविक प्रति भी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम द्वारा (अपना इस्तीफा) दिए और आपके द्वारा इस्तीफा स्वीकार किए सात दिन हो गए हैं।

चेन्नई: अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के (मुख्यमंत्री के तौर पर) शपथ ग्रहण पर जारी अनिश्चितता के बीच तमिलनाडु के सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में आज (शुक्रवार) कलह और बढ़ गयी क्योंकि जहां उन्होंने प्रिसीडियम अध्यक्ष ई मधुसूदन को बर्खास्त कर दिया वहीं मधुसूदन ने उन्हें अन्नाद्रमुक महासचिव के रूप में मान्यता नहीं देने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा। इस बीच शशिकला ने कहा कि हमारा विश्वास है कि राज्यपाल संविधान और लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखेंगे।अपने विरोधियों को कड़ा संदेश देते हुये शशिकला ने आज पार्टी के प्रिसीडियम अध्यक्ष ई मधुसूदनन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया। वह कल ही मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के खेमे में शामिल हुए थे। शशिकला ने पूर्व मंत्री के ए सेनगोट्टैयन को अन्नाद्रमुक का नया प्रिसीडियम अध्यक्ष नियुक्ति किया। उधर, मधुसूदन ने कहा, ‘उनके मुझे अन्नाद्रमुक से बाहर निकालने से पहले ही मैंने उन्हें निष्कासित कर दिया था।’ सेनगोट्टैयन को पार्टी के संगठन सचिव के पद से मुक्त कर दिया गया। उन्हें गत सप्ताह संगठन सचिव नियुक्त किया गया था। शशिकला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि वे मधूसूदन के साथ कोई संबंध ना रखें और कहा कि उन्हें सेनगोट्टैयन को अपना सहयोग देना चाहिये। विरोधी खेमे को एक बड़ा संबल प्रदान करते हुए मधुसूदन ने कल पनीरसेल्वम को अपना समर्थन दिया था और कहा था कि, ‘वह पार्टी की रक्षा करना चाहते हैं।’

चेन्नई: तमिलनाडु में सियासी उथलपुथल जारी है। सूबे की सत्ता पर कौन क़ाबिज़ होगा अब इसका फैसला दिल्ली में होगा। राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेज दी है। इससे पहले एआईडीएमके के दोनों गुटों ने गुरुवार को राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की। गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक प्रमुख शशिकला और पनीरसेल्वम ने गुरूवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा ठोंका है जिसपर फैसला राज्यपाल को लेना है। देखना यह है कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल सबसे पहले किसे आमंत्रित करते हैं। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पनीरसेल्वम अपने पद से इस्तीफा देने के बावजूद राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं इसलिए उन्हें सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का पहला मौका मिल सकता है। कल राज्यपाल के चेन्नई पहुंचे के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला ने उनसे मुलाकात कर उन विधायकों की सूची सौंपी थी जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगायी है। अन्नाद्रमुक ने दावा किया है कि पनीरसेल्वम की बगावत के आलोक में कल शशिकला द्वारा बुलायी गयी बैठक में 131 विधायक शामिल हुए थे। शशिकला के खिलाफ बगावत करने से पहले पनीरसेल्वम ने छह फरवरी को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा था। पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने का दावा करते हुए बगावत किया है।

चेन्नई: द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इससे इनकार किया कि उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को समर्थन की पेशकश की है। स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि सही समय पर एक उचित निर्णय किया जाएगा। स्टालिन ने अपनी पार्टी की एक उप महासचिव सुब्बुलक्ष्मी जगदीशन की ओर से व्यक्त किये गए इस विचार से पार्टी को अलग किया कि द्रमुक पनीरसेल्वम को बिनाशर्त समर्थन की पेशकश करेगा। स्टालिन ने कहा, ‘द्रमुक उनके विचार से सहमत नहीं है।’’ पार्टी की ओर से जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘केवल पार्टी अध्यक्ष (एम करूणानिधि) और महासचिव (के अनबाझगन) सही समय पर एक उचित निर्णय करेंगे।’’ तमिलनाडु में ‘वर्तमान स्थिति’ ‘असाधारण है।’ उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में पार्टी लाइन का निर्णय ‘मशविरे’ के बाद शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा।

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