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चेन्नई: तमिलनाडु में सियासी उथलपुथल जारी है। सूबे की सत्ता पर कौन क़ाबिज़ होगा अब इसका फैसला दिल्ली में होगा। राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेज दी है। इससे पहले एआईडीएमके के दोनों गुटों ने गुरुवार को राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की। गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक प्रमुख शशिकला और पनीरसेल्वम ने गुरूवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा ठोंका है जिसपर फैसला राज्यपाल को लेना है। देखना यह है कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल सबसे पहले किसे आमंत्रित करते हैं। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पनीरसेल्वम अपने पद से इस्तीफा देने के बावजूद राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं इसलिए उन्हें सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का पहला मौका मिल सकता है। कल राज्यपाल के चेन्नई पहुंचे के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला ने उनसे मुलाकात कर उन विधायकों की सूची सौंपी थी जिन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगायी है। अन्नाद्रमुक ने दावा किया है कि पनीरसेल्वम की बगावत के आलोक में कल शशिकला द्वारा बुलायी गयी बैठक में 131 विधायक शामिल हुए थे। शशिकला के खिलाफ बगावत करने से पहले पनीरसेल्वम ने छह फरवरी को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा था। पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने का दावा करते हुए बगावत किया है।

पनीरसेल्वम ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। पनीरसेल्वम कह रहे हैं कि यदि लोग और पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं तो वह अपना इस्तीफा वापस लेने पर पुनर्विचार करने को तैयार हैं। वैसे शशिकला को ज्यादातर पार्टी विधायकों का समर्थन जान पड़ता है लेकिन बगावत के बाद पनीरसेल्वम के प्रति जनसमर्थन बढ़ने की बात सामने आ रही है।

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