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चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में शनिवार को हासिल किए गए विश्वास मत को अमान्य घोषित करवाने के लिए विपक्षी द्रमुक ने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। द्रमुक के वकील और राज्यसभा के पूर्व सदस्य आर शानमुगसुंदरम ने इस याचिका की त्वरित सुनवाई की भी मांग की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हुलुवाडी जी रमेश और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने इस याचिका की सुनवाई के लिए कल का दिन तय किया है। विधानसभा में हुए विश्वास मत के दौरान ई के पलानीस्वामी ने 234 सदस्यीय सदन में 122-11 के अंतर से जीत हासिल की थी। इस दौरान प्रमुख विपक्षी द्रमुक को बाहर निकाला जा चुका था और उसके सहयोगी सदन से वॉकआउट कर चुके थे। सदन में कोलाहल से भरा दृश्य था, जहां माइक उखाड़े गए थे, कुर्सियां पलटी गई थीं और कागजों को फाड़ दिया गया था। हंगामे वाले दृश्यों के बाद दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद विश्वास मत पर मतदान हुआ। विपक्षी विधायक गुप्त मतदान की मांग कर रहे थे और विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने इस मांग को खारिज कर दिया था।

चेन्नई: मरीना बीच पर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनकी पार्टी के विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। स्टालिन विधानसभा में विश्वास मत के दौरान खुद पर और अपने विधायकों पर कथित हमले के विरोध में मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि विधानसभा में कानून का उल्लंघन करने और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘द्रमुक ने कानून के तहत आवश्यक पूर्व अनुमति लिये बिना विरोध प्रदर्शन किया।’ उन्होंने बताया कि स्टालिन के अलावा विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले 63 विधायकों, तीन सांसदों और कई दम्रुक कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। विश्वास मत के दौरान खुद पर और अपनी पार्टी के विधायकों पर कथित हमले के विरोध में यहां मरीना बीच पर प्रदर्शन पर बैठने के बाद स्टालिन को कल हिरासत में लिया गया।

 

चैन्नई: तमिलनाडु में शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने 'शक्ति' का ऐसा प्रदर्शन किया कि मर्यादाएं तार-तार हो गईं। गुप्त मतदान की मांग खारिज होने पर द्रमुक विधायकों ने स्पीकर ओ. धनपाल की शर्ट फाड़ दी। मेज, कुर्सियां और माइक तोड़ दिए। इस दौरान हाथापाई में विधानसभा का एक कर्मचारी घायल हो गया। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही पहले एक और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। शशिकला धड़े के विधायकों को छोड़कर एकजुट हुए सभी विपक्षी सदस्यों ने गुप्त मतदान के जरिए फैसला करने की मांग की थी। स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया, जिस पर डीएमके और ओ पनीरसेल्वम गुट भड़क गए। द्रमुक विधायकों ने स्पीकर पी धनपाल का घेराव किया। धक्कामुक्की की। वेल में आकर कागज फाड़े और कुर्सियां फेंकी। मेज पर चढ़कर नारेबाजी की गई। एक विधायक तो स्पीकर की कुर्सी पर ही बैठ गया। दो बार कार्यवाही स्थगित करने के बाद भी हंगामा जारी रहने पर द्रमुक विधायकों को सदन से बाहर ले जाने का आदेश देना पड़ा। स्पीकर ने कहा कि द्रमुक विधायकों ने मेरी शर्ट फाड़ी। मुझे बेइज्जत किया। मैंने अपना काम कानून के मुताबिक किया। कमीज के फटे हुए हिस्से को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि वह इसे बर्दाश्त करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। स्टालिन जब सदन से बाहर निकले तो उनकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उनके साथ हाथापाई की गई। स्पीकर ने अपनी शर्ट खुद फाड़ ली और उनके विधायकों पर आरोप मढ़ दिया।

चैन्नई: तमिलनाडु में 29 सालों बाद बहुमत परीक्षण हुआ। परीक्षण के दौरान पलानीसामी ने विश्वासमत हासिल किया। उनके समर्थन में 122 मत मिले। वहीं इससे पहले सदन में हाई वोल्टेज ड्रामा चला और स्पीकर ने डीएमके की गुप्त मतदान की मांग को खारिज करते हुए दो बार सदन स्थगित कर दिया। इस दौरान हंगामा करते हुए डीएमके विधायकों ने स्पीकर के सामने वाली टेबल-कुर्सी तोड़ दी व माइक्रोफोन भी फेंक दिये। डीएमके विधायकों ने हंगामे के दौरान सारी मर्यादाएं तोड़ दी। इन लोगों ने कुर्सियां तोड़ी, माइक तोड़े, कागज फाड़ दिये। इतना ही नहीं डीएमके के विधायक कु का सेल्वम तो विरोध में स्पीकर की कुर्सी पर जा बैठे। इस पूरे हाईवोल्टेज के दौरान हालत को संभालने के लिए मार्शल को बुलाना पड़ा। इस हंगामे के दौरान एक अधिकारी घायल हो गए जिन्हें फौरन अस्पताल में जाकर भर्ती कराया गया। इससे पहले डीएमके के कार्यवाहक अध्यक्ष और विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने सवाल उठाया कि जब राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए हैं तो इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है। इसके बाद डीएमके विधायक ने बेंच पर खड़े होकर गुप्त मतदान कराने को लेकर नारेबाजी करने लगे। बहुमत परीक्षण के दौरान कांग्रेस ने भी गुप्त मतदान की मांग की। इसके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी गुप्त मतदान की मांग की। लेकिन स्पीकर ने इनकी मांग खारिज कर दी। विधानसभा में मतदान के दौरान ब्रीफिंग रूम के बाहर लगे टीवी और स्पीकर्स बंद कर दिये गए।

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