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चेन्नई: केरल में जल प्रलय के बाद अब तमिलनाडु पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। आपको बता दें दक्षिण भारत में भारी बारिश के कारण लगातार केरल में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 2100 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान केरल को हो चुका है। वहीं 357 लोगों की जान जा चुकी है। अब केरल के बाद तमिलनाडु में बाढ़ के खतरे पैदा होने लगे हैं। शनिवार देर रात को सामने आए एक विडियो में भारी बारिश के बीच त्रिचि में कोल्लिडम पुल देखते ही देखते टूटकर कावेरी नदी में बह गया। घटना में फिलहाल किसी के हताहत की सूचना नहीं है।

कर्नाटक और केरल में हो रही भारी बारिश ने सलेम जिले में मेट्टूर बांध में पानी का स्तर बढ़ा दिया है, जबकि उससे पानी बाहर करने का काम जारी है। मेट्टूर में 1.72 लाख क्यूसेक और भवानीसागर में 47,168 क्यूसेक पानी शनिवार तक गया है। पीडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया है कि काबिनी और कृष्णराजसागर बांधों का कुल पानी 1.7 लाख क्यूसेक आ रहा है जिससे इलाके में बाढ़ है। उन्होंने बताया कि सभी नदियों, बांधों, टैंकों और नहरों पर विभाग नजर रखे हुए है।

चेन्नई: पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच करने के लिए गठित न्यायमूर्ति ए. अरूमुगस्वामी जांच आयोग ने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अन्नाद्रमुक नेता का परीक्षण करने वाले एम्स के तीन डॉक्टरों को समन किया है। आयोग ने तीनों डॉक्टरों से 23-24 अगस्त को अपने समक्ष उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने श्वांस चिकित्सा विभाग के डॉक्टर जी. सी. खिलनानी, एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर अंजन त्रिखा और हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर नीतीश नायक को समन किया है।

जयललिता 22 सितंबर से पांच दिसंबर, 2016 तक चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं। इस दौरान तीनों डॉक्टरों ने कई बार उनकी जांच की थी। पैनल के सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) के विशेषज्ञ डॉक्टरों के दोनों दिन आयोग के गवाहों के रूप में पूछताछ की जाएगी। सूत्र ने बताया कि समन जारी किया जा चुका है और डॉक्टरों ने उसे स्वीकार भी कर लिया है। आयोग ने अभी तक 75 गवाहों से पूछताछ की है। इसके अलावा सात अन्य लोगों से भी पूछताछ की गयी है जिन्होंने स्वयं गवाह बनने की अर्जी पैनल को दी थी।

चेन्नई: द्रमुक नेतृत्व को लेकर अपने भाई एम के अलागिरी के साथ उत्तराधिकार के लिए संघर्षरत पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि वह किसी भी हंगामे के सामने झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने पार्टी के भीतर और बाहर की किसी भी चुनौती से निपटने का भी संकल्प जाहिर किया। स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे अपने पत्र में यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मुझे कलैनार ने बड़ा किया है। किसी भी तरह के हंगामे से मैं झुकने वाला नहीं हूं। कलैनार के प्रिय समर्थकों की मदद से मैं पार्टी के भीतर और बाहर की किसी भी तरह की चुनौती से पार पा लूंगा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अलागिरी ने विरोध का स्वर तेज कर दिया है।

द्रमुक की अगुवाई को लेकर संघर्ष के चरम पर पहुंच जाने के बाद एम करुणानिधि ने 2014 में अलागिरी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। शहर के एक अस्पताल में करुणानिधि जब जिंदगी की जंग लड़ रहे थे तो पूरा परिवार एकजुट नजर आ रहा था। अलागिरी अस्पताल के साथ-साथ करुणानिधि के अंतिम संस्कार के दौरान भी नजर आए थे।

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने 22 मई को तूतीकोरिन में पुलिस गोलाबारी के दौरान 13 लोगों के मारे जाने की घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के मंगलवार को आदेश दिए हैं। इन लोगों ने स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। अदालत ने छह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया। इस तांबा प्रगालक संयंत्र पर वेदांता लिमिटेड का मालिकाना हक है और यह यहां से 650 किलोमीटर दूर तूतोकोरिन में स्थित है। पुलिस गोलीबारी में करीब 60 लोग घायल हो गए थे।

मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने इससे पहले मीडिया को बताया था कि तूतीकोरिन में लोग लंबे अरसे से कंपनी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उस वक्त विपक्ष व असामाजिक तत्वों ने आंदोलन को हिंसक रूप दे दिया। लोगों का आरोप था कि इस संयंत्र से उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है और पानी दूषित हो रहा है।

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