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चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) की मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक से पहले पूर्व चीफ एम. करूणानिधि के बेटों के बीच पार्टी की कमान संभालने को लेकर जंग छिड़ गई है। करुणानिधि के बड़े बेटे एमके अझागिरी ने अपने समर्थकों के साथ मिल कर पार्टी की दावेदारी पेश की है। अझागिरी के हवाले से मीडिया में जारी बयान में कहा गया है- “मेरे पिता सही कहते थे, पूरा परिवार मेरे साथ है। तमिलनाडु में पार्टी के सभी समर्थक भी मेरे साथ हैं, वे सभी केवल मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं। समय बताएगा कि मैं अभी क्या कुछ कहना चाहता हूं।' अझागिरी का यह दावा करुणानिधि के लंबी बीमार से हुए निधन के हफ्ते भर बाद आया है।

आपको बता दें कि करुणानिधि के बड़े बेटे अझागिरी को कुछ साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और तब से वह मुख्य राजनीति से बाहर हैं। करीब एक साल पहले उनके छोटे भाई और करुणानिधि के छोटे बेटे स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

डीएमके की कार्यसमिति की बैठक चेन्नई के पार्टी मुख्यालय में होनी है जहां पर करुणानिधि के छोटे बेटे एमके स्टालिन का कद बढ़ाकर उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना था। अझागिरी को साल 2014 में उनके और स्टालिन के बीच लड़ाई के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। पूरे मामले से वाकिफ डीएमके के अन्य नेता ने बताया कि स्टालिन के अलावा, करुणानिधि की बेटी और राज्यसभा सांसद एम.के. कनिमोझी को भी कद बढ़ाकर पार्टी का उप-महासचिव या कोषाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

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