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हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज कहा कि राज्य के गोदावरी क्षेत्र में आई बाढ़ बादल फटने का नतीजा है। अंदेशा है कि 'दूसरे देशों की साजिश हो सकती है।' बाढ़ प्रभावित भद्राचलम के दौरे पर राव ने संवाददाताओं से कहा, "यह एक नई घटना है, जिसे बादल फटना कहा जाता है। लोग कहते हैं कि कोई साजिश है, हम नहीं जानते कि यह कहां तक ​​सच है कि दूसरे देशों के लोग हमारे देश के कुछ स्थानों पर बादल फटने की घटना को जानबूझकर अंजाम दे रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर के पास लेह-लद्दाख में, फिर उत्तराखंड में और अब हमें कुछ रिपोर्टें मिल रही हैं कि वे इसे गोदावरी क्षेत्र में कर रहे हैं।"

बादल फटने का मतलब आमतौर पर बहुत कम अवधि में अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है, जिससे बाढ़ आ सकती है। मौसम कार्यालय इसे लगभग 20 से 30 वर्ग किमी के भौगोलिक क्षेत्र में प्रति घंटे 100 मिमी (या 10 सेमी) से अधिक अप्रत्याशित वर्षा के रूप में परिभाषित करता है।

तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार भी दौरे पर मुख्यमंत्री के साथ थे। सरकार के किसान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के अध्यक्ष पल्ला राजेश्वर, रायथु बंधु और अन्य टिप्पणी किए जाने के वक्त मंच पर मौजूद थे।

करीब एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश से तेलंगाना के कई इलाकों में पानी भर गया है। मंदिरों के शहर भद्राचलम में जल स्तर 70 फीट तक पहुंच गया था, जो तीसरी और अंतिम बाढ़ चेतावनी से काफी ऊपर था, जो 53 फीट पर दी गई थी। आज यह स्तर घटकर 60 फीट पर आ गया है।

शनिवार को मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भद्राचलम पहुंचे, जहां उन्होंने ‘गंगम्मा‘ या गोदावरी नदी के लिए 'शांति पूजा' की, जो उफान पर थी।

बीती शाम को मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, विधायकों और स्थानीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राव ने वित्त मंत्री हरीश राव को चिकित्सा शिविर स्थापित करने और बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त दवा और भोजन की आपूर्ति करने के लिए कहा है।

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