ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित करने से मना कर दिया और कहा कि जब तक वह भाषण को नया रूप नहीं देते, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसे 'अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु कदम' करार दिया। दूरदर्शन और आकाशवाणी का संचालन संभालने वाले प्रसार भारती से इस मामले में फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 12 अगस्त को सरकार का भाषण रिकॉर्ड कर लिया और सोमवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र के जरिये सूचित किया गया कि उनके भाषण को जब तक नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने भाषण में एक शब्द भी नहीं बदलेंगे तथा इस कदम को उन्होंने 'अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु' करार दिया। सरकार का भाषण मंगलवार को त्रिपुरा में दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित होना था।

अगरतला: तृणमूल कांग्रेस से बर्खास्त किए गए त्रिपुरा के छह विधायक सोमवार को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। इन लोगों ने 17 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट दिया था। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा के उत्तर पूर्व डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) संयोजक हिमंत बिश्व शर्मा, प्रदेश भाजपा प्रमुख बिप्लब कुमार देब और प्रदेश पार्टी पर्यवेक्षक सुनिल देवधर ने इन छह विधायकों का स्वागत किया, जिनका नेतृत्व त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष (कांग्रेस) के पूर्व नेता सुदीप रॉय बर्मन कर रहे थे। सुदीप के अलावा अन्य विधायकों में आशीष कुमार साहा, दीबा चंद्र ह्रंगखॉल, बिश्व बंधु सेन, प्राणजीत सिंह रॉय और दिलीप सरकार शामिल हैं। इन विधायकों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पांच अगस्त को दिल्ली में मुलाकात की थी। तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्था चटर्जी ने तीन जुलाई को कहा था कि पार्टी इन छह विधायकों से कोई संबंध नहीं रखेगी। पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा के साथ गठबंधन के विरोध में इन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। तृणमूल के महासचिव और पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने तीन जुलाई को कोलकाता में कहा था कि त्रिपुरा के छह विधायकों से पार्टी का कोई संबंध नहीं है।

अगरतला: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भले ही राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को समर्थन देने की बात की हो लेकिन त्रिपुरा में पार्टी के विधायकों ने राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है। तृणमूल के सभी छह विधायकों ने शनिवार को यहां बैठक की और राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया। राज्य विधानसभा में तृणमूल के नेता सुदीप राय बर्मन ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि हम ऐसे उम्मीदवार को समर्थन नहीं देंगे जिनका समर्थन माकपा कर रही हो। उन्होंने कहा, ''हम 2018 के विधानसभा चुनाव में माकपा को त्रिपुरा की सत्ता से हटाने के लिए कठिन मेहनत कर रहे हैं। इसलिए हम मीरा कुमार के लिए मतदान नहीं कर सकते।'' उन्होंने कहा कि तृणमूल विधायकों ने अपने फैसले से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव को अवगत करा दिया है।

अगरतला: त्रिपुरा विधानसभा में मंगलवार को सारी मर्यादा तार तार हो गई और सदन के अंदर बेहद चौंकाने वाला नजारा सामने आया। टीएमसी के विधायक सुदीप रॉय बर्मन कार्यवाही के दौरान स्पीकर का मेस (सिम्बल ऑफ अथॉरिटी यानी छड़ी) लेकर भाग गए। इस घटना के बाद विधानसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबनाथ ने मेस ले जाने की घटना की निंदा की। दरअसल सदन के अंदर अखबार की एक रिपोर्ट को लेकर हंगामा हो रहा था। विधानसभा में विपक्षी नेता टीएमसी विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने एक अखबार में छपी रिपोर्ट को उठाया। इस रिपोर्ट पर हंगामा शुरू हो गया। इसी बीच, हंगामे के दौरान एक टीएमसी विधायक स्पीकर के पास रखा सामान लेकर भाग निकले। इतना ही नहीं उन्हें पकड़ने के लिए बाकी विधायक भी उनके पीछे दौड़ पड़े। सदन के मार्शल उन्हें नियंत्रित कर पाते वह सदन से बाहर भाग गए। शून्यकाल के दौरान तृणमूल विधायक, विपक्ष के पूर्व नेता सुदीप रॉय बर्मन ने एक बांग्ला अखबार में प्रकाशित मुद्दे को उठाया। इसके बाद जमातिया खड़े हो गए और अखबार में प्रकाशित खबर को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उनकी छवि खराब करने की साजिश की जा रही है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने अखबार के खिलाफ अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख