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अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को इस टिप्पणी को लेकर आलोचना का शिकार होना पड़ा कि रबींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार के विरोध में नोबेल पुरस्कार से इंकार कर दिया था। टैगोर की जयन्ती के मौके पर बुधवार को गोमती जिले में एक कार्यक्रम में बांग्ला भाषा में मुख्यमंत्री ने कहा था, रबींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार के विरोध में न केवल नोबेल पुरस्कार से इंकार किया था बल्कि उन्हें ‘गीतांजलि’ के लिए विश्वश्रेष्ठ पुरस्कार भी मिला। हालांकि टैगोर को (गीतांजलि के लिए मिले) पुरस्कार तक सीमित नहीं किया जा सकता।

त्रिपुरा के शाही परिवार से आने वाले और टीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रद्युत किशोर देवबर्मन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री की टिप्पणी से बहुत नाखुश हैं। उन्होंने कहा, टैगोर ने 1919 में पंजाब में जलियांवाला बाग में नरसंहार के विरोध में उन्हें मिला ‘नाइटहुड’ सम्मान वापस कर दिया था। मेरे दादा भी इस घटना से बहुत आहत थे। मैंने उनकी डायरी में यह देखा। अगर हमारे मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा है तो यह अच्छा नहीं है। इसका कोई मतलब नहीं है।

नई दिल्ली: त्रिपुरा बॉर्डर पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान ने कहासुनी के दौरान अंधाधुंध फायरिंग कर तीन साथियों की जान ले ली। इसके बाद आरोपी जवान ने गोली मारकर खुदकुशी भी कर ली। बीएसएफ अफसरों के मुताबिक, घटना शनिवार रात को त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा की अग्रिम चौकी पर हुई। डीआईडी मृत्युंजय कुमार ने इस मामले की जांच और डिलेट रिपोर्ट सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं।

न्यूज रिर्पोटस के मुताबिक, उनाकोटी के एसपी लखी चौहान ने बताया कि बीएसएफ की 55वीं बटालियन में जवान शिशुपाल (28 साल) त्रिपुरा की मागुरुली बॉर्डर चौकी पर तैनात था। रात करीब 1 बजे शिशुपाल के ड्यूटी से कैम्प लौटने के बाद साथियों से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। इसके बाद आरोपी शिशुपाल एक हेड कॉन्स्टेबल को सर्विस राइफल से गोली मारकर भागने लगा। कुछ साथियों ने पीछा किया तो आरोपी जवान ने उन पर भी अंधाधुंध फायरिंग की।

इस दौरान दो जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए. थोड़ी देर बाद आरोपी जवान ने भी खुद को गोली मार ली। कैम्प में ड्यूटी पर तैनात संतरी ने आला अफसरों को गोलीबारी की सूचना दी, इसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अगरतला: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड में विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कमर कस ली है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस प्रचार अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। रविवार को त्रिपुरा के अगरतला में शाह ने चुनावी बिगूल फूंकते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की सरकार के खिलाफ हमला बोला।

शाह ने कहा कि राज्य में सीपीएम की सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। भाजपा प्रेसिडेंट ने कहा, भाजपा मार्च में राज्य में सरकार बनाएगी। अगर भ्रष्टाचारी जमीन के अंदर भी छिपे होंगे तब भाजपा उन्हें जमीन खोद कर बाहर निकालेगी।' राज्य के मुख्यमंत्री माणिक सरकार को सीधे निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 25 सालों के दौरान कुछ नहीं किया गया।

उन्होंने कहा, 'राज्य में 7 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हैं जबकि राज्य की कुल आबादी 37 लाख ही है। स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बदतर है। यह वह काम है, जिसे पिछले 25 साल में किया गया है।

कोलकाता: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भाजपा पर बड़ा हमला बोल दिया है। माणिक सरकार ने बीजेपी पर आज आरोप लगाया कि वह अलगाववादी तत्वों से हाथ मिला रही है और धार्मिक एवं जातीय आधार पर राज्य के लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है।

सरकार ने कहा कि भाजपा और अलगाववादी मिलकर अगले साल त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनावों में वाम मोर्चा की सरकार को हराने की ‘साजिश रच रहे हैं।’

सरकार ने यहां एक सेमिनार में कहा, ‘भाजपा और अलगाववादी ताकतें, जैसे कि आईपीटीएफ, त्रिपुरा की वाम मोर्चा सरकार को हराने की साजिश रच रहे हैं । वे जातीय एवं सांप्रदायिक आधारों पर राज्य के लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं ।

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