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अगरतला: त्रिपुरा में सत्तारूढ़ माकपा ने आज विधानसभा की दोनों सीटों पर जीत दर्ज की. बरजाला (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) और खोवई सीट पर कांग्रेस और तृणमूल के उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा। माकपा के उम्मीदवार झुमू सरकार ने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शिष्टमोहन दास को बरजाला सीट पर 3,374 मतों के अंतर से हराया। माकपा को 15,769 मत मिले जबकि भाजपा को कुल 12,395 मत हासिल हुए। कांग्रेस विधायक जितेंद्र सरकार ने जून में पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके चलते यहां उपचुनाव जरूरी हो गया था. कांग्रेस को 804 मत मिले जबकि तृणमूल को 5,629 मत मिले हैं। खोवई निर्वाचन क्षेत्र में माकपा के उम्मीदवार बिस्वजीत दत्ता ने अपने प्रतिद्वंद्वी तृणमूल के मनोज दास को 16,047 मतों के अंतर से हराया. माकपा को 24,810 मत, जबकि तृणमूल को 8,763 मत मिले. माकपा के विधायक समीर देव सरकार के निधन के चलते यह सीट रिक्त हो गई थी। विपक्षी कांग्रेस के जिस उम्मीदवार को पिछले विधानसभा चुनाव (2013) में 13,859 मत मिले थे, उसे इस चुनाव में महज 696 मत ही हासिल हुए।

आगरतला: असम-त्रिपुरा की सीमा पर 1000 से ज्यादा ट्रक करीब एक हफ्ते से अटके खड़े हैं। इनमें से कई ट्रकों में खाना, दवाई और ईंधन जैसे मूलभूत सामान हैं जो अपनी मंज़िल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालांकि यह जाम किसी विरोध प्रदर्शन का नहीं बारिश का नतीजा है। तेज़ बारिश ने असम के बराक वैली क्षेत्र और त्रिपुरा को पिछले दस दिन से भिगो रखा है। इसकी वजह से त्रिपुरा को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क नेशनल हाईवे 44 (नई प्रणाली के मुताबिक नेशनल हाईवे 8) कीचड़ भरा रास्ता बनकर रह गई है। गौरतलब है कि त्रिपुरा अपनी मूलभूत जरूरतों, ईंधन उत्पाद, निर्माण मटेरियल, खाद और देश के बाकी हिस्सों से आने वाले सामान के लिए इस हाईवे पर भी निर्भर है। त्रिपुरा के परिवहन मंत्री मानिक डे का कहना है कि 'त्रिपुरा अपने एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत के लिए गुहार लगा रहा है और असम के साथ साथ केंद्रीय सरकार को भी इस गंभीर समस्या से अवगत करवाया गया है लेकिन दोनों ही सरकारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।' इस हाईवे का एक हिस्सा असम-त्रिपुरा की सीमा से लगा है जहां विक्रम का ट्रक फंसा हुआ है। वह बताते हैं 'मैं यहां एक हफ्ते से फंसा हुआ हूं। सारे पैसे खत्म हो गए हैं।

अगरतला: बीएसएफ ने त्रिपुरा के खोवई जिले के चमपाहाओर इलाके में भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर रहे करीब 300 बांग्लादेशी नागरिकों के प्रयास को विफल कर दिया और बाद में उन्हें वापस पड़ोसी देश भेज दिया गया। एसपी (पुलिस नियंत्रण) उत्तम भौमिक ने बताया, ‘करीब 300 बांग्लादेशी नागरिकों ने कल चमपाहाओर से प्रवेश करने का प्रयास किया लेकिन बीएसएफ ने उन्हें रोक दिया। बीएसएफ और बीजीबी के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद कल रात उन्हें वापस भेज दिया गया।’ उन्होंने बताया कि वे आदिवासी थे और पड़ोसी देश में हाबीगंज के चुनारूघाट इलाके से बंग्लादेश के वन गाडरें ने ‘बाहर’ कर दिया था। उन्होंने बताया कि सीमा पर रहने के दौरान बीएसएफ और खोवाई के जिला प्रशासन ने उन्हें खाना और पेयजल मुहैया कराया। भौमिक ने बताया कि कांटेदार बाड़ और बीएसएफ के सर्तक रहने के कारण वे भारत में प्रवेश नहीं कर सके।

अगरतला: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुख्यालय में एक व्यक्ति द्वारा कुर्सी से किए गए हमले में राज्य के परिवहन मंत्री माणिक डे और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बादल चौधरी घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को कहा कि इस मामले में समीर देबनाथ (30) को गिरफ्तार किया गया है। देबनाथ रविवार देर रात कार्यालय जाकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बादल चौधरी और परिवहन मंत्री माणिक डे पर हमला किया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि समीर देबनाथ ने पहले कहा कि उनके पिता गंभीर रूप से बीमार थे और उसे इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी, लेकिन उसका दावा झूठा निकला। घटना के दौरान, मुख्यमंत्री माणिक सरकार और माकपा नेता बिजन धर और गौतम दास पार्टी मुख्यालय में मौजूद थे।

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