अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित करने से मना कर दिया और कहा कि जब तक वह भाषण को नया रूप नहीं देते, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसे 'अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु कदम' करार दिया। दूरदर्शन और आकाशवाणी का संचालन संभालने वाले प्रसार भारती से इस मामले में फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 12 अगस्त को सरकार का भाषण रिकॉर्ड कर लिया और सोमवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र के जरिये सूचित किया गया कि उनके भाषण को जब तक नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने भाषण में एक शब्द भी नहीं बदलेंगे तथा इस कदम को उन्होंने 'अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु' करार दिया। सरकार का भाषण मंगलवार को त्रिपुरा में दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित होना था।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दूरदर्शन, आरएसएस-भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोगों को निर्देश दे रहे हैं कि विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाए। माकपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, 'दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण प्रसारित करने से इनकार किया। क्या प्रधानमंत्री मोदी इसी सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं? शर्म की बात है।' माना जा रहा है कि पार्टी का परोक्ष इशारा प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस संबोधन की ओर था। येचुरी ने ट्वीट पर टैग करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि चैनल द्वारा सरकार का भाषण प्रसारित करने से मना करना 'गैरकानूनी' है। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह तानाशाही और अघोषित आपातकाल नहीं है तो क्या है? माकपा, त्रिपुरा की जनता और हमारे सभी नागरिक इससे लड़ेंगे।'