ताज़ा खबरें
एमएसपी की कानूनी गारंटी ​तक किसान आंदोलन जारी रहेगा: डल्लेवाल
महंगाई: घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़कर 853 रुपये हुई
'जब तक मैं जिंदा हूं, किसी योग्य शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी': ममता
राहुल गांधी बेगुसराय में 'पलायन रोको नौकरी दो' यात्रा में हुए शामिल
यूपी: पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के दस ठिकानों पर ईडी के छापे

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाला कांड में 10 साल की सजा भुगत रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला की इलाज के लिए पेरोल अर्जी पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने दिल्ली सरकार से कहा कि चौटाला पिता-पुत्र की अतिरिक्त अर्जी पर 29 जनवरी से पहले स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए। इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पिता-पुत्र की अपील पिछले साल 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। शुरू में 82 वर्षीय ओमप्रकाश चौटाला ने अपने पोलियो से ग्रस्त पैरों संबंधी समस्या के उपचार के लिए 60 दिन की पेरोल मांगी थी।

अब अजय ने भी ‘इलाज और सामाजिक रिश्ते बनाये रखने’ के लिए 12 सप्ताह की पेरोल का अनुरोध किया है। इस पर अदालत पहले ही पुलिस से 29 जनवरी तक जवाब मांग चुकी है। हालांकि दोनों पिता-पुत्र ने नई अर्जी दायर कर कहा है कि उनकी पेरोल याचिका लंबित रहने के दौरान ही कुछ अतिरिक्त परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। चौटाला पिता-पुत्र के वकील अमित साहनी ने कहा कि दोनों को अपने परिवार में एक शादी में शामिल होना है जो फरवरी के महीने में हो रही है और इसमें धार्मिक रस्मों के लिए उनकी उपस्थिति आवश्यक है। हाई कोर्ट ने 5 मार्च, 2015 को इस मामले में चौटाला पिता-पुत्र और तीन अन्य दोषियों की 10-10 साल की सजा बरकरार रखते हुए कहा था कि रिकॉर्ड में उपलब्ध साक्ष्य हतप्रभ करने वाले हैं। चौटाला और 53 अन्य दोषियों को 16 जनवरी, 2013 को निचली अदालत ने हरियाणा में 2000 में 3206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले का दोषी ठहराया था। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को भी दोषी ठहराया गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख